नई दिल्ली: जब भी दो लोग रिलेशनशिप में आते हैं तो उनके नेचर में कई बदलाव देखने को मिलते हैं. इन लोगों के बीच कभी रिश्ते अच्छे तो कभी खराब होते हैं. लेकिन लड़ते-झगड़ते भी ये साथ रहते हैं. अक्सर लड़कियों के मामले में वे अपने पार्टनर के लिए जरूरत से ज्यादा पोजेसिव हो जाती […]
नई दिल्ली: जब भी दो लोग रिलेशनशिप में आते हैं तो उनके नेचर में कई बदलाव देखने को मिलते हैं. इन लोगों के बीच कभी रिश्ते अच्छे तो कभी खराब होते हैं. लेकिन लड़ते-झगड़ते भी ये साथ रहते हैं.
अक्सर लड़कियों के मामले में वे अपने पार्टनर के लिए जरूरत से ज्यादा पोजेसिव हो जाती हैं. पोजेसिव नेचर एक प्रकार का जुनूनी इश्क है जो लड़कियों में ज्यादा देखा जाता है. कई बार लड़कियां बॉयफ्रेंड सिकनेस की शिकार हो जाती हैं.
बॉयफ्रेंड सिकनेस एक टर्म है जिसका यूज रिलेशनशिप में किया जाता है. बॉयफ्रेंड शब्द से समझ सकते हैं कि यह शब्द लड़के के लिए यूज हो रहा है मगर सिकनेस का मतलब कोई बीमारी नहीं है. जी हां, यह कोई बीमारी नहीं एक तरह की भावना है जो लड़कियों में होती है अपने पार्टनर को लेकर. बॉयफ्रेंड सिकनेस यानी वो लड़कियां जिनकी जिंदगी सुबह से शाम तक सिर्फ अपने बॉयफ्रेंड के इर्द-गिर्द घूमती हैं. वे अपने पार्टनर के अलावा और कुछ नहीं सोचती हैं.
कहां से आया यह वर्ड
यह शब्द कोई साइंस की भाषा से भी नहीं जुड़ा है, इसे इंफ्लूएंसर द्वारा यूज किया गया था. सबसे पहले इस शब्द का यूज टिकटॉक पर हुआ था. जिसके बाद से इस शब्द को सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा होने लगा
हालांकि, कुछ लोग इसे सही मानते है कि लड़की अपने पार्टनर के प्रति डेडिकेटिड है लेकिन कई बार ऐसे हालात भी हो जाते हैं जिसमें लड़कियां इतनी ज्यादा जुनून में पड़ जाती है कि खुद पर भी ध्यान नहीं दे पाती है. लड़की अपने करियर और सेहत के प्रति लापरवाही बरतती हैं. यहीं नहीं, ऐसी सिचुएशन में वो अपने परिवार से भी दूरी बनाना शुरू कर देती है.
-लड़कियां हमेशा लड़के पर ओवर पावर करने की कोशिश करती हैं
-अगर लड़का उन्हें बिना बताएं कहीं चला जाए या कुछ प्लना कर लें तो वे नाराज हो जाती हैं
-कई बार उनकी नाराजगी ऐसे गुस्से को पैदा कर देती है जिसमें वो अंजाने में रिश्ता कमजोर कर देती हैं
-बॉयफ्रेंड पर नजर रखना या शक की भावना पैदा होना भी एक बड़ी वजह होती है
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