नई दिल्ली। जिस तरह से आपका शरीर थकता है, वैसे ही आपका दिमाग भी थक जाता है. इस थकान के कारण कई बार दिमाग में भारीपन भी आने लगता है. इसके लिए कई कारण हैं.जब आपका मन थक जाता है, तो सिर में भारीपन, मानसिक थकान, चिड़चिड़ापन, क्रोध, घबराहट और किसी से बात करने की […]
नई दिल्ली। जिस तरह से आपका शरीर थकता है, वैसे ही आपका दिमाग भी थक जाता है. इस थकान के कारण कई बार दिमाग में भारीपन भी आने लगता है. इसके लिए कई कारण हैं.जब आपका मन थक जाता है, तो सिर में भारीपन, मानसिक थकान, चिड़चिड़ापन, क्रोध, घबराहट और किसी से बात करने की इच्छा नहीं होती है. आपको बता दें कि इन सभी समस्याओं से संकेत मिलते हैं कि आपको अपने दिमाग की सेहत पर ध्यान देने की जरूरत है. साथ ही भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी काम करने की जरूरत है. आइए जानते हैं दिमाग के भारी होने के और क्या कारण हैं और इसे कैसे दूर किया जा सकता है.
मानसिक थकान आपके काम को प्रभावित करती है. आपको बता दें कि हर व्यक्ति के लिए मानसिक थकान के कारण अलग-अलग हो सकते हैं. जैसे, लंबी बीमारी, लंबे समय तक नशीली दवाओं का सेवन, बहुत अधिक तनाव लेना, देर तक जगना. ये सभी कारण मानसिक थकान के कारण हो सकते हैं.
मानसिक थकान से बचने के लिए आप तीन आयुर्वेदिक दवाओं का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे आपको निश्चित तौर पर राहत मिलेगी.इसमें अश्वगंधा, शंखपुष्पी और ब्राह्मी शामिल हैं.