नई दिल्ली: हमारे देश में सावन माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान हर तरफ सिर्फ शिव महिमा, पूजा-पाठ, कावड़ और भंडारों की धूम देखने को मिलती है. ऐसे में भगवान शिव के प्रति आस्था रखने वाले ज्यादातर लोग Nonveg खाना पूरी तरह […]
नई दिल्ली: हमारे देश में सावन माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान हर तरफ सिर्फ शिव महिमा, पूजा-पाठ, कावड़ और भंडारों की धूम देखने को मिलती है. ऐसे में भगवान शिव के प्रति आस्था रखने वाले ज्यादातर लोग Nonveg खाना पूरी तरह से बंद कर देते हैं. फिर चाहे बाकी दिनों में वे हर दिन मीट आदि क्यों ना खाते हों. ऐसे में अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं, जो अपना पसंदीदा कबाब या या मटन बिरयानी खाने के लिए सावन के खत्म होने का इंतजार कर रहे थे और अब बस इन Nonveg आइटम्स पर टूट पड़ना चाहते हैं तो थोड़ी सावधानी बरतें. फिलहाल इतना जान लीजिए कि बारिश के मौसम में आपको Nonveg का सेवन नहीं करना चाहिए. करना ही चाहते हैं तो बेहद कम मात्रा में करें और इन बातों का ध्यान जरूर रखें जिनके बारे में यहां बताया जा रहा है.
बारिश के दिनों में हमारे आस-पास की हवा में बैक्टीरिया, फंगस और वायरस बहुत ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं. इस कारण मीट और अन्य भोजन बहुत जल्दी ख़राब हो जाते हैं. ऐसे में आप बारिश के मौसम में आप Nonveg की फ्रेशनेस को ऐसे जानें…
चिकन जब फ्रेश होता है तो इसका सरफेस एकदम चमकदार होता है. जबकि पुराने चिकन पर हल्के-हल्के लाल या काले निशान दिखाई देने लगते हैं. इसके अलावा चिकन छूने में चिपचिपा ना हो और इससे चिपचिपा पदार्थ ना निकल रहा हो तो चिकन पुराना है, जो आपके लिए फूड पॉइजनिंग की वजह बन सकता है.
फिश फ्रेश है या नहीं इसके लिए मछली की आंखें देखें, अगर फिश की आंखों पर सफेदी जमा नहीं है और ये चमक लिए हुए हैं तो ये मछली ताजी है. लेकिन इसके स्केल्स आढ़े-तिरछे, आंखों पर सफेदी जमा हो और गलफड़े बुझे हुए यानी ख़राब नजर आ रहे हैं तो समझ जाएं कि मछली खाने लायक नहीं है.