नई दिल्ली: अमेरिका में एक सीक्रेट प्रेग्नेंसी (Secret Pregnancy) इस वक़्त काफी चर्चा में है। आपको बता दें, अमेरिका के लोग इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर ऐसी प्रेग्नेंसी की वजह क्या है। दरअसल, यह खास तरह की मेडिकल कंडीशन है जहाँ पर गर्भवती औरत को लंबे समय तक […]
नई दिल्ली: अमेरिका में एक सीक्रेट प्रेग्नेंसी (Secret Pregnancy) इस वक़्त काफी चर्चा में है। आपको बता दें, अमेरिका के लोग इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर ऐसी प्रेग्नेंसी की वजह क्या है। दरअसल, यह खास तरह की मेडिकल कंडीशन है जहाँ पर गर्भवती औरत को लंबे समय तक या फिर बच्चे को जन्म देने से पहले पता ही नहीं चलता कि वह गर्भवती है। इसलिए इसे सीक्रेट प्रेग्नेंसी भी कहा जाता है। भारत समेत कई देशों में इनके मामले सामने आ चुके हैं। आइए आपको बताते हैं कि सीक्रेट प्रेग्नेंसी (Secret Pregnancy) क्या है, ऐसी स्थितियाँ क्यों होती हैं और यह सामान्य प्रेग्नेंसी से किस तरह अलग है।
जानकारी के अनुसार, ज्यादातर महिलाएँ 4 से 12 सप्ताह के भीतर प्रेग्नेंट होने के अहसास को महसूस करना शुरू कर देती हैं। शरीर में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं। लेकिन कई बार प्रेग्नेंसी के कई मामलों में महिला को इसकी भनक तक नहीं लगती। डॉक्टरों का कहना है कि कई बार प्रेग्नेंसी टेस्ट के ऐसे मामले भी सामने आते हैं, जब महिला का प्रेग्नेंसी रिजल्ट निगेटिव आता है, लेकिन वह प्रेग्नेंट होती है। इसके अलावा प्रीमेच्योर प्रेग्नेंसी की स्थिति में भी रिपोर्ट निगेटिव आ सकती है। इसका एक कारण hCG के स्तर का बिगड़ना है, यानी ह्यूमन कोरियोनिक गोनेडोट्रॉपिन हॉर्मोन (Human Chorionic Gonadotropin Hormone)
डॉक्टरों का कहना है कि महिलाओं में Secret Pregnancy के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इसलिए लेबर पेन आने से पहले महिलाओं को अपनी प्रेग्नेंसी का पता भी नहीं चलता।
सीक्रेट प्रेग्नेंसी (Secret Pregnancy) के मामले कुछ स्थितियों में सामने आते हैं। उदाहरण के लिए, एक महिला ने अभी-अभी एक बच्चे को जन्म दिया है। ज्यादातर महिलाओं को लगता है कि ब्रेस्टफीडिंग शुरू करने के बाद गर्भधारण नहीं हो सकता, लेकिन ऐसा होता नहीं है। ऐसे मामलों में वह गर्भवती हो सकती है और प्रेग्नेंसी की रिपोर्ट निगेटिव भी आ सकती है।
जानकारी के लिए बता दें, महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के चलते पीरियड्स से जुड़ी समस्याएँ हो जाती हैं। कई बार हार्मोनल असंतुलन की वजह से प्रेगनेंसी के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पाती है। इसमें भी आपकी प्रेग्नेंसी रिपोर्ट निगेटिव आ सकती है।
ज़्यादातर पुरुषों और महिलाओं का मानना है कि बर्थ कंट्रोल के तरीके 100% सटीक नतीजे देते हैं, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। कई बार महिला गर्भनिरोधक दवाइयों व तरीकों के इस्तेमाल के बावजूद भी प्रेग्नेंट हो सकती है। और जब तक इस बारे में मालूम चलता है जब तक बहुत देर हो जाती है।
40 साल की उम्र के बाद महिलाएँ यह मान लेती हैं कि उनकी उम्र पार हो गई है। ऐसे में वो अब प्रेग्नेंट नहीं हो सकती। लेकिन आपको बता दें, उम्र होने के बाद भी कई बार प्रेग्नेंसी रुक जाती है और महिलाएँ इससे अनजान रहती हैं।
आपको बता दें, तमाम डॉक्टरों का ऐसा कहना है कि अगर कोई महिला गर्भवती होने का एहसास नहीं करती है, तो वह लक्षणों को भी नहीं समझ सकती है। इस तरह, आप प्रेग्नेंसी केलक्षणों आम बात मानकर नजरअंदाज कर देती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 475 में से एक महिला को 20वें हफ्ते तक यानी कि प्रेग्नेंसी के 5 महीनों तक अपनी गर्भावस्था के बारे में पता नहीं होता है। इतना ही नहीं, 2500 में से एक महिला को बच्चे को जन्म देने से पहले ही पता चल जाता है कि वह गर्भवती है। कई बार सीक्रेट प्रेग्नेंसी (Secret Pregnancy) के मामले में प्रेग्नेंसी किट टेस्ट नेगेटिव आती है तो इसका सबसे अच्छा इलाज है ब्लड टेस्ट। जी हाँ, अपनी सीक्रेट प्रेग्नेंसी (Secret Pregnancy) जानने का सबसे बेहतर तरीका ब्लड टेस्ट होता है। जानकारी के लिए बता दें, सीक्रेट प्रेग्नेंसी के ज़रिए जन्में बच्चे के बारे में सब कुछ वैसा ही रहता है जैसा सामान्य प्रेग्नेंसी में रहता है। इसमें कोई फर्क नहीं होता।