नई दिल्ली: टाइफाइड मानसून में होने वाली बीमारियों में से एक है। इस बीमारी में इंसान अत्यधिक कमजोर पड़ जाता है। यह दूषित पानी और भोजन से होता है। क्या है टाइफाइड टाइफाइड एक गैस्ट्रोइंटेस्टिनल इन्फेक्शन है। इस बीमारी में इंसान के शरीर में बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ जाती है, ये कीटाणु शरीर की आंतों […]
नई दिल्ली: टाइफाइड मानसून में होने वाली बीमारियों में से एक है। इस बीमारी में इंसान अत्यधिक कमजोर पड़ जाता है। यह दूषित पानी और भोजन से होता है।
टाइफाइड एक गैस्ट्रोइंटेस्टिनल इन्फेक्शन है। इस बीमारी में इंसान के शरीर में बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ जाती है, ये कीटाणु शरीर की आंतों में पाए जाते हैं। धीरे-धीरे ये शरीर के बाकी अंगों तक भी पहुँच जाते है जो इंसान को बीमार करते हैं।
टाइफाइड के लक्षण 1-3 सप्ताह के बीच में दिखते हैं, इसके कुछ प्रमुख लक्षण हैं
-सिरदर्द
-तेज बुखार
-खांसी
-उल्टी- दस्त
-कमजोरी
-पेट दर्द
ये बुखार इंसान को तब होता है जब वो ऐसा खाना या पानी पीता है जिसमे टाइफी नामक बैक्टीरिया होता है, इसके अलावा रोगी व्यक्ति के मल के आस-पास फैले पानी से भी ये फैल सकता है।
लक्षण दिखने पर क्या करें
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर के पास जाए और बताए गए टेस्ट करवाएं, इनमें बल्ड, स्टूल और यूरिन कल्चर के टेस्ट शामिल है। एंटीबॉडी और डीएनए टेस्ट के लिए भी डॉक्टर कह सकते हैं। इसके बाद उनके द्वारा बताए गए उपचार को फॉलो करें व दवाएं लें।
इस इंफेक्शन के दौरान मरीज को कम भूख लगती है इसलिए हेल्दी, बैलेंस और शुद्ध खाना खाएं। रोटी, केला, उबले आलू और तरल चीजें इसमें खाना बेहतर रहेगा। हाई फाइबर, डेयरी प्रोडक्ट और तला भूना खाना खाने से बचें।
टाइफाइड कई बार जानलेवा हो जाता है अगर इसके बैक्टीरिया आंतों में छेद कर दें तो सर्जरी करवानी पड़ सकती है, इसके प्रभाव से बचने के लिए आप वैक्सीन लें सकते हैं।
-ओरल वैक्सीन, इसमें 6 वर्ष से छोटे बच्चों को गोलियां दी जाती है. ये 4 गोलियों का कोर्स होता है जिसे विशेषज्ञ के अनुसार बच्चों को दी जाती है।
-वैक्सीन शॉट में इंजेक्शन के जरिए दवा दी जाती है, इंजेक्शन लगने के बाद हल्का-फुल्का बुखार आ सकता है।
इसके अलावा लोग साफ-सफाई का ध्यान रखें, खासकर बरसात के मौसम में हाथों को सही से धोएं। फलों और सब्जियों को बिना साफ करें न खाएं। पानी को उबालकर पिएं और स्ट्रीट फूड खाने से बचें।
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