नई दिल्ली: भारतीय परंपरा में पान केवल स्वाद के लिए ही नहीं, बल्कि औषधीय गुणों के कारण भी जाना जाता है। आयुर्वेद में पान को कई बीमारियों के इलाज के लिए महत्वपूर्ण बताया गया है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण इसे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी बनाते हैं।
1. पेट से जुड़ी समस्याओं में कारगर: पान के पत्तों में ऐसे एंजाइम्स पाए जाते हैं जो पाचन क्रिया को तेज करते हैं। यह कब्ज, एसिडिटी और गैस की समस्या को दूर करता है। भोजन के बाद पान खाने से पेट में अपच की परेशानी दूर होती है।
2. डायबिटीज कंट्रोल करने में सहायक: कई शोध के अनुसार, पान के पत्तों में मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। यह इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाकर डायबिटीज रोगियों के लिए लाभकारी सिद्ध होता है।
3. सर्दी-जुकाम और गले की खराश में फायदेमंद: पान में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल तत्व गले के संक्रमण और सर्दी-जुकाम से राहत दिलाते हैं। गले में खराश होने पर पान का पत्ता हल्का गर्म करके उसमें शहद लगाकर खाने से राहत मिलती है।
4. दिल को स्वस्थ रखता है: पान का सेवन ब्लड प्रेशर को संतुलित रखता है और हृदय संबंधी समस्याओं को कम करता है। इसमें मौजूद नाइट्रेट्स रक्त प्रवाह को बेहतर बनाते हैं और हृदय की धमनियों को स्वस्थ रखते हैं।
5. मुंह के रोगों में लाभकारी: पान चबाने से मुंह में बैक्टीरिया का विकास नहीं होता, जिससे मसूड़ों की सूजन, दांतों की सड़न और बदबू की समस्या दूर होती है। यह प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर की तरह काम करता है।
6. सिरदर्द और माइग्रेन में असरदार: पान के पत्तों को माथे पर लगाने या उनका रस पीने से सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या में राहत मिलती है। इसमें मौजूद एनाल्जेसिक गुण दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
बिना तंबाकू वाले पान का ही सेवन करें। इसे रोजाना भोजन के बाद खाएं। अदरक, शहद और लौंग के साथ इसका सेवन करें। ज्यादा मात्रा में न खाएं, क्योंकि अधिक सेवन से नुकसान भी हो सकता है।
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