नई दिल्ली: दिवाली मिठाइयों का त्यौहार है। अलग-अलग स्वाद की मिठाइयों के बिना इस त्यौहार की रंगत अधूरी रहती है। डायबिटीज़ के मरीज़ों का क्या? हमारे देश में करोड़ों डायबिटीज़ के मरीज़ हैं। ऐसे में हम उनकी दिवाली फीकी नहीं रहने दे सकते! आज हम आपको बताएंगे कि कौन सी मिठाई और कितनी मात्रा में […]
नई दिल्ली: दिवाली मिठाइयों का त्यौहार है। अलग-अलग स्वाद की मिठाइयों के बिना इस त्यौहार की रंगत अधूरी रहती है। डायबिटीज़ के मरीज़ों का क्या? हमारे देश में करोड़ों डायबिटीज़ के मरीज़ हैं। ऐसे में हम उनकी दिवाली फीकी नहीं रहने दे सकते! आज हम आपको बताएंगे कि कौन सी मिठाई और कितनी मात्रा में खाने से डायबिटीज़ के मरीज़ भी दिवाली की मिठास का मज़ा ले सकते हैं।
दिवाली के त्यौहार पर डायबटिक पेसेंट को घर पर बना गाजर का हलवा, दूध और बादाम की खीर और सूजी का हलवा या मूंग दाल का हलवा खाना सकते हैं। बस इन सभी मिठाइयों को घर पर शुगर फ्री टैबलेट के साथ तैयार करें और सीमित मात्रा में सेवन करें।
शुगर फ्री से बनी खोया की बर्फी, मूंग दाल हलवा, गाजर हलवा, सूजी और मूंग दाल हलवा ऐसी मिठाइयाँ हैं जो मिठास देने के साथ-साथ पौष्टिक भी हैं। इनमें चीनी की मात्रा भी बहुत कम होती है।
काढ़ हुआ दूध, जिससे मिल्क केक और रबड़ी बनाई जाती है। डायबटिक पेसेंट इस दूध में शुगर फ्री स्वीटनर और ड्राई फ्रूट्स डालकर इसका सेवन कर सकते हैं। इस दूध में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है और काढ़ हुआ दूध होने के कारण यह प्राकृतिक रूप से मीठा भी हो जाता है। ऐसे में शुगर फ्री स्वीटनर की जरूरत कम पड़ती है।
अगर आप डायबिटीज के पेसेंट है और दिवाली पर मिठाई का लुत्फ़ उठाना चाहते हैं, तो चाहे आप टाइप-1 डायबिटीज़ हों या टाइप-2 डायबिटीज़ के लिए आपको..
ऐसी मिठाइयाँ नहीं खानी चाहिए। इन सभी मिठाइयों में चर्बी और कार्बोहाइड्रेट बहुत अधिक मात्रा में होते हैं क्योंकि इन्हें बनाने से पहले डीप फ्राई किया जाता है।
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