नई दिल्ली। स्वास्थ्य अच्छा रखने के लिए अच्छी नींद जरुरी होती है। अगर आपकी नींद पूरी नहीं होती या इसमें किसी भी तरह से खलल पड़ता है तो ये अगले दिन से आपको कई परेशानियां का सामना करना पड़ सकता है। बता दें, खानपान और एक्सरसाइज के साथ-साथ अच्छी नींद भी स्वास्थ्य रहने के लिए जरूरी है जो कि आज कल सबसे बड़ी परेशानी बन गया है। अगर पूरी नींद नहीं लेते है तो आपको कई तरह की परेशानियां हो सकती है और पूरा दिन आलस में निकल जाएगा।
अगर आपको किसी दिन थका हुआ महसूस होता हैं या आपको अपना ध्यान केंद्रित करने में परेशानी आती है , चिड़चिड़ापन, सर दर्द , थकान आदि की शिकायत होती है तो, या तो आपकी नींद पूरी नहीं हुई है या आप आवश्यकता से कम घंटे कि नींद ले रहे हैं , इन्ही कारणों की वजह से आपको नींद से संबंधित बीमारियां होती है । हर बढ़ती उम्र के हिसाब से नींद लेने के घंटे भी अलग-अलग हैं और कई रिसर्च ये बात बताती हैं कि नींद की गुणवत्ता उम्र के साथ कम हो जाती है और एकउम्र पर आकर स्थिर होजाती है।
1. सोते समय फ़ोन का उपयोग
बता दें , जब आप सोते समय मोबाइल फोन का प्रयोग करते हैं तो इससे निकलने वाली नीली रोशनी सर्केडियन रिदम को खराब करती है और फिर नींद की साइकिल डिस्टर्ब होती है , जिस से कि नींद आने में परेशानी होती है। एक्सपर्ट्स कि माने तो ये नीली रोशनी शरीर के मेलाटोनिन के उत्पादन को कम कर सकती है जो आपकी नींद और जागने के चक्र के हार्मोन को नियंत्रित करता है। ये कई चीज़ों बढ़ावा देता है जैसे कि मेलाटोनिन का कम होना चिड़चिड़ापन, दिन के समय नींद आना आदि का बड़ा कारण बन सकता है।
एक्सपर्ट्स कि माने तो खाने के तुरंत बाद कभी भी सोना नहीं चाहिए ,हमेशा कोशिशकरें कि आप खाने और सोने के बीच एक से डेढ़ घंटे का गैप रखें। अगर आप खाना खाकर तुरंत ही सो जाते हैं तो इससे हमारा शरीर खाने को पचाने में अंदर से एक्टिव रहता है जिससे आप लगातार करवट बदलेंगे और नींद डिस्टर्ब होगी और आपका सवस्थ भी ठीक नहीं रहता है।
कॉफी का सेवन फायदेमंद भी है कर नुकसानदायकभी है। बता दें , यह 24 घंटे तक शरीर में ऊर्जा बनाए रखती है. लेकिन, अगर इसका ज्यादा सेवन किया जाए तो नींद न आने का कारण बन सकती है और हो सकता है नींद भी न आए।
जब हम खुद को धूप से वंचित करते हैं तो हमारे अंदर मेलेनिन की खपत कम हो जाती है जो कि शरीर में मेलाटोनिन बनाता है. अगर आपके अंदर मेलाटोनिन कम होता है तो फिर नींद आने में परेशानी होती है , जिस से कि कई दिक़्कतें होसकती है।
बता दें , तनाव का उच्च स्तर नींद को खंडित करता है। अगर नींद पूरी न हो तो ये हमारे शरीर के तनाव प्रतिक्रिया प्रणाली को ट्रिगर करता है जिससे कि तनाव हार्मोन, कोर्टिसोल में वृद्धि होती है जो नींद को और बाधित करता है और नींद आना काम होजाता है। हालांकि लोग इन आदतों को हल्के में लेते हैं लेकिन अगर ये लंबे समय तक रहती हैं तो कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां खड़ी कर सकती है। इसलिए जरूरी है आप समय रहते ही इन्हें सुधारें और अच्छी और गुणवत्ता वाली नींद ले और स्वास्थ्य को अच्छा रखे।
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