नई दिल्ली: दिल्ली के पानी में बहुत ज्यादा नमक है. हर 4 में से 1 पानी के नमूने में नमक की बहुत अधिक मात्रा पाई गई. सेंट्रल ग्राउंड वॉटर अथॉरिटी की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के 25 फीसदी से ज्यादा पानी में नमक की मात्रा ज्यादा है. यह पानी मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित […]
नई दिल्ली: दिल्ली के पानी में बहुत ज्यादा नमक है. हर 4 में से 1 पानी के नमूने में नमक की बहुत अधिक मात्रा पाई गई. सेंट्रल ग्राउंड वॉटर अथॉरिटी की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के 25 फीसदी से ज्यादा पानी में नमक की मात्रा ज्यादा है. यह पानी मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। भारत की राजधानी दिल्ली में पानी की स्थिति बेहद चिंता का विषय है। ‘केंद्रीय भूजल प्राधिकरण’ (सीजीडब्ल्यूए) की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में पानी के 25 प्रतिशत से अधिक नमूनों में नमक की मात्रा पाई गई है। इस मामले में राजस्थान दिल्ली से आगे है.
वहां के पानी के 30 फीसदी नमूनों में नमक पाया गया. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पानी में नमक की मात्रा बहुत ज्यादा है जो इंसानों के पीने के लिए उपयुक्त नहीं है.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सीजीडब्ल्यूए रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022-23 में दिल्ली में 95 जगहों से पानी के सैंपल लिए गए। इनमें से 24 नमूनों में ईसी 3,000 माइक्रो सीमेंस प्रति सेंटीमीटर से अधिक पाया गया। EC का मतलब इलेक्ट्रिक कंडक्टिविटी है जो बताता है कि पानी में कितना नमक घुला हुआ है.
नई दिल्ली, उत्तर, उत्तर पश्चिम, दक्षिण पश्चिम और पश्चिम दिल्ली से एकत्र किए गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, ईसी का इस्तेमाल पानी में घुले नमक का पता लगाने के लिए किया जाता है. यह पता लगाने का एक आसान और तेज़ तरीका है. EC का कार्य पानी में घुले ठोस पदार्थों (Total Dissolved Solids – TDS) से संबंधित है. भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के मुताबिक, पानी में टीडीएस की मात्रा 500 मिलीग्राम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. यह लगभग 750 माइक्रो सीमेंस प्रति सेंटीमीटर ईसी के बराबर है.
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