Schizophrenia DISORDER
नई दिल्ली। हाल ही में टीवी की मशहूर एक्ट्रेस तुनिषा शर्मा ने खुदकुशी कर ली थी। बता दें , 20 साल की टैलेंटेड एक्ट्रेस का इस तरह दुनिया से चले जाना सबको हैरत में डालता है। बाद में यह बात भी सामने आई थी कि टुनिशा काफी समय से डिप्रेशन से जूझ रही थी। जानकारी के मुताबिक , यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई मामले फिल्म इंडस्ट्री में देखने को मिले है। इसके अलावा कई साल पहले आई एक्ट्रेस बिपाशा बसु की फिल्म मदहोशी और कोंकणा सेन की फिल्म 15 पार्क एवेन्यू में सिजोफ्रेनिया जैसे मानसिक बीमारी को देखते हुई इन फिल्मो को बनाया था।
मिली जानकारी के मुताबिक , बिपाशा बसु की फिल्म मदहोशी में दिखाया गया था कि वह कल्पना की दुनिया में इस कदर जीने लगती थी कि उन्हें लगता था कि उनका एक बॉयफ्रेंड है वह अपनी कल्पना में अपने रिश्ते बहुत आगे बढ़ चुकी थी कि उसके ना मिलने पर अपनी जान ले लेना चाहती थी और इस फिल्म में दर्शाया हर एक लक्षण सिजोफ्रेनिया के है ।
बता दें , हर व्यक्ति कुछ हद तक कल्पना में तो जीता है, हालंकि कई बार लोग कल्पना की दुनिया में इस कदर डूब जाते हैं कि कल्पना और यथार्थ के बीच का फर्क भी भूल जाते हैं। वे लोग कल्पना को सच समझने लगते हैं और सच को कल्पना। जो मन में उन्होंने अपनी खुद की दुनिया बनाई होती है उसे वो सच मानने लगते हैं।
अगर हम इसे न्यूरो साइंस के मुताबिक समझे तो ,मनव मस्तिष्क में एक डोपामाइन नाम का न्यूरोट्रांसमीटर होता है, जो को दिमाग और शरीर में बीच तालमेल बैठाने में मदद करता है। कई बार डोपामाइन केमिकल किन्हीं वजहों से जरूरत से ज्यादा भी बढ़ जाता है, तब सिजोफ्रेनिया की समस्या उत्पन्न होने लगती है। मैक्स अस्पताल के मनोचिकत्सक डॉ. राजेश कुमार के अनुसार कई रिसर्च से सामने आया हैं कि यह बीमारी अनुवांशिक भी होती है।
डॉ राजेश के रिपोर्ट के मुताबिक अगर माता- पिता को सिजोफ्रेनिया है तो बच्चे में 40% तक होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर माता या पिता में से किसी एक हो है तो बच्चे को होने की संभावना 12% ही होती है।
इसका सबसे बढ़ा लक्षण भ्रम होता है , इसमें व्यक्ति काल्पना और वास्तविकता का अंतर समझ नहीं पाता है। बता दें , इसमें व्यक्ति को लगने लगता है कि कोई उसके खिलाफ है और अपनी घटनाओं या संयोग की कड़िया जोड़ने लगता है और कल्पना करना शुरू कर देता है। रिपोर्ट के अनुसार , कई मामलों मे मतिभ्रम भी देखा जाता है। इसमें व्यक्ति को कई आवाजें सुनाई देती है जो वास्तविकता में होती ही नहीं है। कई मामलों में व्यक्ति को कई चीजें, व्यक्ति दिखाई देने लगती है। ऐसी चीज़ों में धीरे धीरे व्यक्ति उदासीन होने लगता है। जानकारी के लिया बता दें , ऐसे लक्षण दिखे तो व्यक्ति को देर किए बिना मनोचिकित्सक के पास अपने इलाज के लिए चले जाना चाहिए। डॉक्टर भी कहते हैं कि आप समय पर इलाज बेहद जरूरी है, हम जितनी देर करेंगे , ये मर्ज उतना ही बढ़ता चला जाएगा।
बता दें , एक सर्वे के मुताबिक, पूरी दुनिया में लगभग 2.4 करोड़ लोग इस बीमारी से परेशान हैं। अगर सामान्य तौर पर बात करे तो 15 से 35 वर्ष के लोग इससे ग्रसित होते हैं। WHO का कहना है कि आने वाले समय में इस रोग से संबंधित रोगियों की संख्या और भी बढ़ सकती है।
दिल्ली का अगला मेयर, गुजरात चुनाव और फ्री रेवड़ी, मनीष सिसोदिया ने बताए सारे राज!
India News Manch पर बोले मनोज तिवारी ‘रिंकिया के पापा’ पर डांस करना सबका अधिकार
टीम इंडिया की जीत में स्मृति मंधाना और ऋचा घोष की विस्फोटक बल्लेबाजी ने महत्वपूर्ण…
स्पीकर बिरला ने एक सख्त निर्देश जारी किया है, इसके तहत अब कोई भी सांसद…
नई दिल्ली : नया साल हर किसी के लिए एक नई उम्मीद लेकर आता है।…
अनुराग ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए राहुल पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा…
महाकुंभ से पहले संगम के नाविकों के लिए योगी सरकार की तरफ से अच्छी खबर…
रुतुराज गायकवाड़ ने आईपीएल 2025 से पहले RCB पर बड़ा आरोप लगा दिया, जिसका वीडियो…