आंसुओं ने किया फेवीक्विक को बेअसर, जानें पूरा मामला

नई दिल्ली: फेवीक्विक का इस्तेमाल ज़्यादातर लोग करते हैं. आप सभी जानते हैं कि इसका इस्तेमाल किसी भी चीज़ को चिपकाने के लिए किया जाता है. फेवीक्विक एक ऐसा केमिकल पदार्थ है जो दो चीज़ों को आपस में बहुत मजबूती से चिपका देता है. क्या आपने कभी सोचा है कि अगर कोई व्यक्ति गलती से या जानबूझकर किसी की आँखों में फेवीक्विक डाल दे तो क्या होगा. आज हम आपको बताएंगे कि ये रसायन कितना ख़तरनाक है.

हम अक्सर दो टूटी हुई या टूटी हुई चीज़ों को आपस में चिपकाने के लिए फेवीक्विक का इस्तेमाल करते हैं. फेवीक्विक का केमिकल इतना ख़तरनाक है कि ये किसी भी चीज़ को बहुत आसानी से चिपका सकता है. आपने देखा होगा कि कई बार फेवीक्विक हमारी उंगलियों पर लग जाता है और हमारी उंगलियाँ आपस में चिपक भी जाती हैं. अब दिमाक में यह सवाल आता है कि अगर फेवीक्विक आँखों में चला जाए तो क्या होगा ?

आँखों के लिए ख़तरनाक

आँख शरीर का सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण अंग है. अगर कोई चीज़ गलती से आँख में चली जाए तो इससे शरीर की समस्या बढ़ जाती है और दिखाई देना बंद हो जाता है. विशेषज्ञों के अनुसार, अगर फेवीक्विक आँख में चला जाए तो आँख लाल हो जाती है और आँख में कुछ और समस्याएँ भी हो सकती हैं. ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.

फेवीक्विक मामला

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली यूनिवर्सिटी की पूजा भार्गव ने बताया है कि 2012 में उनके साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ था। उनके अनुसार, वह अपने घर के बाहर हॉस्टल में रहती थीं, उनके पास एक PC (पर्सनल कंप्यूटर) था। पूजा भार्गव बताती हैं कि एक दिन कंप्यूटर खराब हो गया और उसका कैबिनेट टूट गया था। पूजा ने इसे फेवीक्विक से चिपकाने का फैसला किया। जिसके बाद वह इसे ठीक करने के लिए अपने पास मौजूद पुराना फेवीक्विक ले आईं। जब उन्होंने इसका ढक्कन खोलने की कोशिश की तो इसका सारा पेस्ट उनकी एक आंख में चला गया और आंखें तुरंत बंद हो गईं। इसके बाद वह डर गईं और उनकी आंखों से तुरंत पानी आने लगा, जिसके कारण फेवीक्विक उनकी आंख से चिपकने की बजाय अंदर से पलक पर चिपक गया। कुछ देर बाद उनकी आंख थोड़ी सी खुली और उन्हें दिखाई देने लगा। वह तुरंत डॉक्टर के पास गईं और तब तक आंख लाल हो चुकी थी। डॉक्टर ने उन्हें आंख में डालने के लिए एक ड्रॉप दी और एक दिन आराम करने को कहा। अगले दिन आंख पहले की तरह सामान्य हो गई। डॉक्टर ने बताया कि आंखें अपनी समस्याओं का समाधान खुद ही कर लेती हैं। पलकें बहुत नाजुक होती हैं, लेकिन वे आंखों की रक्षा करती हैं। जब आंखों को कोई खतरा होता है, तो आंसू अपने आप निकल आते हैं, इन आंसुओं को फेवीक्विक ने बेअसर कर दिया था।

 

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