गणेश स्थापना इस मुहूर्त पर ही करें, जानें कब ?

नई दिल्ली: हर साल गौरी पुत्र गणेश 10 दिनों के लिए कैलाश से धरती पर भक्तों के बीच आते हैं और उनके कष्टों को दूर करते हैं. इन दिनों को गणेश उत्सव के रूप में मनाया जाता है. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है, इस दिन गणेश […]

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गणेश स्थापना इस मुहूर्त पर ही करें, जानें कब ?

Manisha Shukla

  • August 21, 2024 10:08 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: हर साल गौरी पुत्र गणेश 10 दिनों के लिए कैलाश से धरती पर भक्तों के बीच आते हैं और उनके कष्टों को दूर करते हैं. इन दिनों को गणेश उत्सव के रूप में मनाया जाता है. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है, इस दिन गणेश जी को घर-घर में विराजमान किया जाता है. बड़े-बड़े पंडालों में गणपति की प्रतिमा स्थापित की जाती है और झांकियां सजाई जाती हैं. 2024 में गणेश चतुर्थी की तिथि और स्थापना का समय यहां जानें.

2024 में गणेश चतुर्थी कब है?

इस साल गणेश चतुर्थी 7 सितंबर 2024 को है. इसी दिन से 10 दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत हो रही है. गणेश विसर्जन 17 सितंबर 2024 को अनंत चतुर्दशी पर होगा. इस दिन बप्पा की मूर्ति का विसर्जन किया जाएगा.

स्थापना मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के तारीख 6 सितंबर 2024 को दोपहर 03:01 बजे से शुरू होकर अगले दिन यानी 7 सितंबर 2024 को शाम 05:37 बजे समाप्त होगी।

मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त – सुबह 11:10 बजे से दोपहर 01:39 बजे तक (02 घंटे 29 मिनट)

गणेश विसर्जन – 17 सितंबर 2024

निषिद्ध चंद्र दर्शन का समय – सुबह 09:28 बजे से रात 08:59 बजे तक

इस श्रेष्ठ मुहूर्त में गणपति को पूरे सम्मान, हर्षोल्लास और ढोल-नगाड़ों के साथ अपने घर लाएं और विधि-विधान से उनकी पूजा करें।

हम 10 दिनों तक गणेश उत्सव क्यों मनाते हैं?

पुराणों के अनुसार गणेश चतुर्थी शंकर और देवी पार्वती के पुत्र भगवान गणेश के जन्मोत्सव का दिन है। गणेश उत्सव के दौरान जो भी 10 दिनों तक बप्पा की पूजा करता है, उसके सभी काम पूरे होते हैं। एक पौराणिक कथा के अनुसार महर्षि वेद व्यास ने महाभारत की रचना करने के लिए भगवान गणेश का आह्वान किया था।

व्यास जी श्लोकों का उच्चारण करते रहे और भगवान गणेश 10 दिनों तक बिना रुके महाभारत लिखते रहे। दस दिनों में भगवान गणेश पर धूल और गंदगी की एक परत जम गई। 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा ने सरस्वती नदी में स्नान किया और खुद को साफ किया। तब से गणेश उत्सव दस दिनों तक मनाया जाने लगा।

 

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