वैज्ञानिकों ने ढूंढा इंसानी खून का नया ब्लड ग्रुप, कैसे होगा फायदेमंद

नई दिल्ली: धरती पर जन्म लेने वाले हर इंसान का ब्लड ग्रुप अलग होता है. अब तक मुख्य रूप से 4 तरह के ब्लड ग्रुप (A, B, AB, O) होते हैं, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक और ब्लड ग्रुप की खोज की है. अनुमान है कि इस खोज से कई बीमार लोगों को फायदा होगा. […]

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वैज्ञानिकों ने ढूंढा इंसानी खून का नया ब्लड ग्रुप, कैसे होगा फायदेमंद

Manisha Shukla

  • September 18, 2024 6:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली: धरती पर जन्म लेने वाले हर इंसान का ब्लड ग्रुप अलग होता है. अब तक मुख्य रूप से 4 तरह के ब्लड ग्रुप (A, B, AB, O) होते हैं, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक और ब्लड ग्रुप की खोज की है. अनुमान है कि इस खोज से कई बीमार लोगों को फायदा होगा. इस नई मेडिकल रिसर्च में 50 साल से भी ज्यादा का समय लगा है. वैज्ञानिकों को इस नए और दुर्लभ ब्लड ग्रुप के बारे में पता था, लेकिन यह कैसे फायदेमंद होगा? इसका पता लगाना अभी बाकी था. इस ब्लड ग्रुप के फायदों का पता चल गया है.

इस ब्लड ग्रुप की पहचान एनएचएस ब्लड एंड ट्रांसप्लांट (NHSBT) के शोधकर्ताओं ने की है। इस ब्लड ग्रुप का नाम एमएएल ब्लड ग्रुप है। वैज्ञानिक इस ब्लड ग्रुप पर गहन शोध कर रहे थे, जिसके बाद कई अहम चीजों का खुलासा हुए हैं। इस ब्लड ग्रुप को पहली बार साल 1972 में पाया गया था। वहीं, शोध में शामिल एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि यह एक दुर्लभ ब्लड ग्रुप है और यह उन मरीजों के लिए फायदेमंद होगा, जिनका ब्लड ग्रुप भी दुर्लभ है।

होंगे कई लाभ

नए शोध के अनुसार, चिकित्सा जगत में इसके कई लाभ होंगे, जैसे:

ब्लड डोनेशन

शोधकर्ताओं के अनुसार अब रक्तदान की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। डॉक्टर आसानी से पता लगा सकेंगे कि किस मरीज को कौन-सा रक्त दिया जाना चाहिए।

यह फायदेमंद होगा

दुर्लभ ब्लड ग्रुप वाले लोगों को इस नए ब्लड ग्रुप से इलाज कराना आसान होगा। ऐसे मरीजों के लिए दवाइयां भी आसानी से बनाई जा सकेंगी।

नई दवाओं की खोज

यह शोध नई और ज्यादा कारगर दवाओं के निर्माण में मददगार साबित होगा।

AnWj एंटीजन वाले लोगों की खोज

AnWj एंटीजन एक तरह का खास एंटीबॉडी है, जिसे विदेशी एंटीबॉडी कहते हैं। इस एंटीबॉडी की कमी की वजह से व्यक्ति को बीमारियों से लड़ने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। नए शोध से ऐसे लोगों की भी पहचान हो सकेगी जो इस एंटीबॉडी के मरीज हैं। शोध के मुताबिक, जीनोटाइपिंग प्लेटफॉर्म से AnWj-नेगेटिव ब्लड डोनर और रिसीवर दोनों की आसानी से पहचान हो सकेगी।

शोध का असर

शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस नए शोध से सुरक्षित ब्लड ट्रांसफ्यूजन की उम्मीद है। साथ ही, रक्तदान में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है।

 

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