नई दिल्ली: सावन का महीना देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस महीने में माता पार्वती संग शिवजी की पूजा-उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि सावन के महीने में शिवजी की विधि पूर्वक पूजा-उपासना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। खासकर, विवाहित महिलाओं के सौभाग्य में वृद्धि होती […]
नई दिल्ली: सावन का महीना देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस महीने में माता पार्वती संग शिवजी की पूजा-उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि सावन के महीने में शिवजी की विधि पूर्वक पूजा-उपासना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। खासकर, विवाहित महिलाओं के सौभाग्य में वृद्धि होती है। वहीं, अविवाहित युवक और युवतियों की अच्छे वर पाने के योग बनते हैं। इसके लिए सावन के महीने में सच्ची श्रद्धा से शिवजी की पूजा भक्ति की जाती है। इस मौके पर महिलाएं हरे रंग के वस्त्र और चूड़ियां पहनती हैं। ऐसा करने से उनपर भगवान शिव संग विष्णुजी की कृपा बरसती है। लेकिन क्या आपको पता है कि सावन के महीने में महिलाएं हरे रंग के वस्त्र और चूड़ियां क्यों पहनी जाती हैं? हम आपको बताते हैं इस खबर में।
शास्त्रों की मानें तो भगवान शिवजी को हरा रंग बेहद पसंद था। यह रंग प्रेम, प्रसन्नता, खुशी, सुख और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। सावन के महीने में चारों तरफ हरियाली छा जाती है। बम भोले के जयकारे से वातावरण गूंज उठता है। चारों तरफ उत्सव जैसा माहौल रहता है। मंदिर और मठों को सजाया जाता है। शिव धुन बजती रहती है। श्रद्धालु शिव जी को मनाने के लिए उनके दूत भूत की वेशभूषा धारण करते हैं। इस मौके पर कांवड़ यात्रा भी की जाती है।
वहीं, महिलाएं शिवजी को खुश करने और उनका आशीर्वाद पाने हेतु सावन के महीने में हरे रंग के वस्त्र और हरे रंग की चूड़ियां पहनती हैं। साथ ही शिवजी की पूजा हरे रंग के बिल्व पत्र, भांग, धतूरा आदि चीजों से की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि हरे रंग का आवरण करने से व्यक्ति पर प्रकृति की कृपा बरसती है। भगवान श्रीहरि विष्णु जी को भी हरा रंग बेहद पसंद है। इसके अलावा, ज्योतिष बुध ग्रह मजबूत करने के लिए हरे रंग का वस्त्र पहनने को कहते हैं।
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