नई दिल्ली, 14 जुलाई यानी कल से सावन महीने की शुरुआत हो रही है और यह 12 अगस्त तक रहेगा. सावन का महीना भगवान शिव की उपासना के लिए सर्वोच्च माना जाता है और इस महीने में नॉन-वेज से दूरी बनाकर सात्विक भोजन ही किया जाता है. घर के बड़े बिना किसी तर्क दिए धर्म […]
नई दिल्ली, 14 जुलाई यानी कल से सावन महीने की शुरुआत हो रही है और यह 12 अगस्त तक रहेगा. सावन का महीना भगवान शिव की उपासना के लिए सर्वोच्च माना जाता है और इस महीने में नॉन-वेज से दूरी बनाकर सात्विक भोजन ही किया जाता है. घर के बड़े बिना किसी तर्क दिए धर्म के आधार पर सावन में नॉन-वेज नहीं खाने की सलाह से देते हैं और हम आंख बंद करके इसका पालन भी करते हैं. लेकिन, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि सावन में नॉन-वेज न खाने के पीछे धार्मिक के साथ ही वैज्ञानिक कारण भी हैं. चलिए आपको बताते हैं कि सावन में नॉन वेज फूड क्यों नहीं खाना चाहिए और इसे खाने से आपके स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है :
सावन के महीने में बारिश की वजह से मौसम में आर्द्रता और नमी रही है, जिसका सीधा असर हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है और यह कमजोर हो जाता है. वेज की तुलना में नॉन-वेज फूड को पचने में ज्यादा समय लगता है और कमजोर पाचन शक्ति की वजह से नॉन-वेज फूड आंतों में सड़ने लगता है और स्वास्थ्य पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है.
सावन के महीने में देशभर में जोरदार बारिश होती है और इसी वजह से वातावरण में फंगस, फफूंदी और फंगल इंफेक्शन बढ़ने लगते हैं. बारिश के मौसम में खाने-पीने की चीजें जल्दी खराब होने लगती हैं और इसका सबसे ज्यादा असर नॉन-वेज खाने पर पड़ता है. सावन में बारिश के चलते सूर्य की रोशनी का अभाव होता है और ह्यूमिडिटी बहुत ज्यादा होती है, जिससे खाने की चीजें जल्दी खराब हो जाती हैं.
बारिश के मौसम में सी-फूड भी खाना हानिकारक साबित हो सकता है क्योंकि इस समय मछलियां अंडे देती हैं और इस वजह से उनके शरीर में कई तरह के हार्मोनल परिवर्तन होते हैं. इसलिए सावन में सी फ़ूड नहीं खाना चाहिए.
बारिश के मौसम में देर से पचने वाला भोजन नहीं करना चाहिए क्योंकि अगर आपके पेट में खाना जल्दी नहीं पचता है तो यह आंतों में सड़ने लगता है और और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है इसलिए इस मौसम में जल्दी पचने वाला खाना ही खाना चाहिए.
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