नई दिल्ली : मौसम में बदलाव के साथ ही स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां होने का भी खतरा बढ़ता रहता है। इससे बच्चे ज्यादा प्रभावित होते हैं। उन्हें बेहतर देखभाल की जरूरत होती है। दिल्ली-एनसीआर समेत देश के अन्य हिस्सों में सुबह-शाम हल्की ठंड महसूस की जा रही है। इस तरह की ठंडा मौसम आने से पहले खांसी-जुकाम का बड़ा कारण बनती है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब हमारे शरीर का तापमान वातावरण से प्रभावित होता है तो वायरल होने का खतरा बढ़ जाता है। बच्चे बिना किसी एहतियात के बहार में निकल जाते हैं, जिससे वे बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। वैसे वायरल, खांसी या जुकाम से बचने के लिए घर पर ही कई तरीके आजमाए जा सकते हैं।
सर्दियों के आने से पहले बदलते मौसम में बच्चों, बुजुर्गों और खुद का खास ख्याल रखना जरूरी है। कोविड के बाद ज्यादातर लोगों की इम्युनिटी कमजोर हो गई है और उन्हें वायरल आसानी से हो जाता है। आइए आपको कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बताते हैं, जिन्हें अपनाकर आप इस मौसम में बीमारियों या स्वास्थ्य समस्याओं से काफी हद तक बच सकते हैं।
कहा जाता है कि जो लोग नमक के पानी से गरारे करते हैं, उनके वायरस से संक्रमित होने की संभावना कम होती है। इसलिए हमें हर रोज गुनगुने पानी में नमक मिलाकर उससे गरारे करने चाहिए। यह तरीका हमारे मुंह और गले में मौजूद खराब बैक्टीरिया को दूर करने का काम करता है। आप चाहें तो बच्चों से भी गरारे करवा सकते हैं, बस उन्हें अपनी निगरानी में ही गरारे करवाएं। वायरल इंफेक्शन के दौरान गले में सूजन आ जाती है और नमक का पानी इस सूजन को कम करने में भी कारगर साबित होता है।
कई अध्ययनों से पता चला है कि अगर आप सप्ताह में सिर्फ 45 मिनट भी व्यायाम करते हैं तो इससे हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। वहीं, एक अध्ययन में सामने आया है कि अगर आप 5 दिन में 45 मिनट भी टहलते हैं तो इसका फायदा हमारी इम्यूनिटी को भी मिलता है। व्यायाम से हमारे अंदर सकारात्मकता और आत्मविश्वास भी आता है। इसलिए हर रोज किसी न किसी तरह से शारीरिक रूप से सक्रिय रहें।
अगर आपको कम नींद लेने की आदत है तो यह तरीका हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि जिन लोगों को कम सोने की आदत होती है, उन्हें सर्दी या खांसी जल्दी होती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि हमें 8 से 9 घंटे की पूरी नींद लेनी चाहिए। दिन में सोना तो ठीक है लेकिन रात को पूरी नींद लेना बहुत जरूरी है। यह तरीका हमारे मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य को भी मजबूत बनाता है। खासकर बच्चों को पूरी नींद लेने की आदत डालनी चाहिए।
शरीर में पानी की कमी होने से आपको स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी हो सकती हैं। हाइड्रेटेड रहने से पूरे शरीर को फायदा होता है, जिसमें श्वसन तंत्र भी शामिल है। विशेषज्ञों के अनुसार, हमें दिनभर में कम से कम 2.5 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए। इससे आपकी त्वचा को भी फायदा होगा। साथ ही, आप कब्ज जैसी दूसरी समस्याओं से भी बच सकते हैं।
कोविड के दौरान लोगों ने हल्दी और दूसरी चीजों से बने काढ़े को पीने के अलावा भाप भी ली। सांस लेने की इस प्रक्रिया से हमारे फेफड़े साफ होते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। बच्चों को कम गर्म पानी से भाप दें क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बड़ों के मुकाबले थोड़ी कमजोर होती है। आप चाहें तो भाप वाले पानी में नीम या तुलसी के पत्ते भी डाल सकते हैं। क्योंकि इनमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण से बचने का यह एक बेहतरीन तरीका है।
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