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Pradhan Mantri Surakshit Matritva Abhiyan: प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान क्या है और इसके लाभ क्या हैं, महिलाओं के लिए शुरू की गई हैं PMSMA, जानें इससे क्या हुआ फायदा

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी पहल है जिसमें मातृत्व मृत्यू दर को कम करने का लक्ष्य रखा गया है. इस अभियान की शुरुआत जून 2016 में हुई थी और इसका सकारात्मक असर दिख रहा है. देशभर में 9 जून 2016 को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की शुरुआत हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में इस अभियान का आह्वान किया था जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की शुरुआत की. इस अभियान के तहत मातृत्व मृत्यू दर को प्रति एक लाख जीवित जन्म पर 13 करने का लक्ष्य रखा गया है.

यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की पहल है जिसके तहत हर महीने की 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं की व्यापक और गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व देखभाल सुनिश्चित की गई है. इस अभियान के तहत प्रेग्नेंट महिलाओं को सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उनकी प्रेग्नेंसी के दूसरे और तीसरे तिमाही यानी प्रेग्नेंसी के चौथे महीने के बाद प्रसव पूर्व देखभाल से जुड़ा हेल्थ केयरिंग पैकेज दिया जाएगा. इस दौरान गरीब और जरूरतमंद महिलाओं की हेल्थ एक्सपर्ट यानी ओबीजीवाई विशेषज्ञों या चिकित्सा अधिकारियों द्वारा जांच कराई जाएगी.

इस स्कीम के तहत गर्भवती महिलाओं की गर्भावस्था के 3 महीने से 6 महीने के दौरान सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों द्वारा मुफ्त स्वास्थ्य जांच की जाती हैं. इस योजना में ब्लड प्रेशर, ग्लुकोज की मात्रा, हीमोग्लोबिन टेस्ट, ब्लड टेस्ट, स्क्रीनिंग समेत अन्य कई जांचें मुफ्त की जाती हैं.

मालूम हो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार साल 2015 में भारत में मातृत्व मृत्यू दर प्रति एक लाख जीवित जन्म पर 174 थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर महिलाओं के स्वास्थ्य की बेहतरी की बात कर चुके हैं. सरकार का दावा है कि प्रधानमंत्री जी की इस महत्वाकांक्षी योजना से एक करोड़ महिलाओं को फायदा हुआ है.

उल्लेखनीय है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में डॉक्टरों से अनुरोध किया था कि हर महीने की 9 तारीख को यदि कोई गरीब गर्भवती महिला उनके पास इलाज के लिए आती हैं तो वे उनकी नि:शुल्क जांच करे. इससे गरीब गर्भवती महिलाओं की प्रसव के दौरान होने वाली मौतों की संख्या में कमी आए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार चिकित्सा के अभाव में कई गरीब महिलाओं की प्रसव के दौरान जान चली जाती है. यदि डॉक्टर अपने 12 महीने में से 12 दिन (हर महीने की 9 तारीख को) गरीब माताओं-बहनों को दें तो मातृत्व मृत्यू दर में काफी कमी लाई जा सकती है.

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान को 14 राज्यों में शुरू किया गया है और यह जननी सुरक्षा योजना और जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के साथ ही संचालित हो रही है.

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Aanchal Pandey

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