September 21, 2024
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Poonam Pandey Death: सर्वाइकल कैंसर के कौन से स्टेज पर मरीज का बचना है मुश्किल

नई दिल्लीः जानी-मानी अभिनेत्री पूनम पांडे का सर्वाइकल कैंसर के कारण से निधन हो गया है। एक्ट्रेस ने 32 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। अभिनेत्री के निधन की खबर सामने आने के बाद से ही हर कोई हैरान है। ऐसे में जानते हैं क्या सर्वाइकल कैंसर और इससे जुड़ी वह सभी बातें जो आपके लिए जानना बहुत महत्वपूर्ण है। चलिए जानते हैं कि भारतीय महिलाओं के बीच यह कैंसर(Poonam Pandey Death) क्यों तेजी से फैल रहा है और साथ ही जानेंगे सर्वाइकल कैंसर के किस स्टेज में मरीज को बचाना मुश्किल होता है।

 

समय पर पता चलते ही इस बीमारी से बचा जा सकता है

यदि इस कैंसर के फर्स्ट स्टेज में पता चल जाता है तो 90 प्रतिशत तक मरीज(Poonam Pandey Death) को बचाया जा सकता है। वहीं यदि स्टेज 2 में इस बीमारी का पता चले तो 80 प्रतिशत चांस रहते हैं कि इस बीमारी से बचाया जा सकता है। इस दौरान डॉक्टर समय-समय पर स्क्रीनिंग की सलाह भी देते रहते हैं। जानकारी दे दें कि कैंसर का एक बार पता चलते ही इसके इलाज के दौरान लूप इलेक्ट्रोसर्जिकल एक्सिशन प्रक्रिया (एलईईपी), क्रायोथेरेपी या कोल्ड कोगुलेशन सहित अन्य तरीकों से किया जा सकता है। अगर बीमारी आखिरी स्टेज में पहुंच गई है तो मरीज को बचाना बेहद मुश्किल है। दरअसल, यह कैंसर जैसे-जैसे बढ़ता है यह शरीर के दूसरे अंगों को भी अपने गिरफ्त में लेता जाता है।

 

क्या है सर्वाइकल कैंसर?

सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला एक गंभीर प्रकार का कैंसर है जो सर्वाइकल से शुरू होता है और लिवर, ब्लैडर, योनि, फेफड़े और किडनी तक फैल जाता है। यह दुनिया भर में महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे आम प्रकार का कैंसर है। यह कैंसर पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के संक्रमण के कारण होता है। आश्चर्य की बात यह है कि भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां सर्वाइकल कैंसर से संबंधित 25 प्रतिशत मामले और मौतें होती हैं।

मायो क्लिनिक अनुसार जब यह कैंसर शुरू होता है, तो इसके कोई लक्षण दिखाई नहीं देते। हालांकि, जैसे-जैसे यह बढ़ता है, सर्वाइकल कैंसर संकेत और लक्षण दिखाई देने लगते हैं.

    • शारीरिक संबंध के बाद खून निकलना
    • पीरियड्स में सामान्य से ज्यादा खून निकलना
    • पानी जैसा और दुर्गंधयुक्त सफेद पदार्थ निकलना
    • पेट के निचले हिस्से में दर्द या सूजन
    • संभोग के दौरान पेल्विक दर्द या दर्द
    • मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग होना
    • बहुत अधिक थकान महसूस करना
    • सर्वाइकल कैंसर के रिस्क फैक्टर
    • असुरक्षित यौन संबंध
    • एक से ज्यादा यौन साथी
    • पर्सनल हाइजीन की कमी
    • धूम्रपान
    • कुपोषण
    • आनुवंशिकता

इस तरह करें सर्वाकल कैंसर से बचाव

सर्वाइकल कैंसर से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय टीकाकरण है। इस कैंसर को रोकने के लिए, संक्रमण का कारण बनने वाले वायरस एचपीवी के खिलाफ टीका लगवाना बहुत महत्वपूर्ण है। एचपीवी वैक्सीन को सर्वाइकल कैंसर सहित कई गंभीर कैंसर को रोकने में प्रभावी दिखाया गया है। इसके अलावा, नियमित स्मीयर परीक्षण बहुत महत्वपूर्ण हैं ताकि इस बीमारी का समय पर पता किया जा सके। इन आदतों को अपनाने से सर्वाइकल कैंसर का खतरा भी कम हो सकता है।

  • पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखें
  • यौन साथियों की संख्या कम करें
  • एचपीवी वायरस के खिलाफ वैक्सीन लगवाएं
  • सुरक्षित यौन संबंध
  • धूम्रपान से परहेज करें
  • हेल्दी डाइट फॉलो करें

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