नई दिल्ली: टीनएजर्स में PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। यह एक ऐसी स्थिति है, जो हार्मोनल असंतुलन के कारण होती है और इसका प्रभाव मासिक धर्म चक्र, प्रजनन क्षमता और शरीर की अन्य प्रणालियों पर पड़ता है। खासतौर पर किशोरियों में यह समस्या ध्यान देने योग्य है, क्योंकि इसका […]
नई दिल्ली: टीनएजर्स में PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। यह एक ऐसी स्थिति है, जो हार्मोनल असंतुलन के कारण होती है और इसका प्रभाव मासिक धर्म चक्र, प्रजनन क्षमता और शरीर की अन्य प्रणालियों पर पड़ता है। खासतौर पर किशोरियों में यह समस्या ध्यान देने योग्य है, क्योंकि इसका समय पर पता न चले तो यह आगे चलकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
PCOS एक हार्मोनल विकार है, जिसमें अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट (थैलीनुमा संरचना) बन जाती हैं। यह समस्या ज्यादातर उन महिलाओं में पाई जाती है, जिनके शरीर में पुरुष हार्मोन का स्तर ज्यादा होता है। इसका सबसे बड़ा प्रभाव मासिक धर्म चक्र पर पड़ता है, जिससे पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं या कभी-कभी बंद भी हो जाते हैं।
1. मासिक धर्म का अनियमित होना: PCOS के सबसे सामान्य लक्षणों में से एक है अनियमित पीरियड्स। टीनएज लड़कियों में अगर 2-3 महीने तक पीरियड्स नहीं आ रहे हैं, या बहुत ज्यादा रक्तस्राव हो रहा है, तो यह चिंता का कारण हो सकता है।
2. मुंहासे और तैलीय त्वचा: PCOS से हार्मोनल असंतुलन होता है, जिससे चेहरे पर बार-बार मुंहासे निकल सकते हैं और त्वचा तैलीय हो सकती है। यह लक्षण ज्यादातर किशोरियों में नजर आते हैं और इसे नजरअंदाज करना सही नहीं है।
3. अचानक वजन बढ़ना: अगर किशोरी का वजन बिना किसी स्पष्ट कारण के तेजी से बढ़ रहा है, तो यह PCOS का लक्षण हो सकता है। इस स्थिति में ज्यादातर पेट और कमर के आसपास फैट जमा होता है। इसके अलावा पेट के हिस्से पर बिना वजह के फैट जमा होना भी पीसीओएस के लक्षण हो सकते हैं।
4. बालों का झड़ना: जहां एक ओर PCOS में शरीर के कुछ हिस्सों पर अधिक बाल उगने लगते हैं, वहीं सिर के बाल झड़ने लगते हैं। यह लक्षण भी हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है।
PCOS का निदान खून की जांच, अल्ट्रासाउंड और हार्मोनल स्तर की जांच के माध्यम से किया जा सकता है। अगर किशोरी को ऊपर बताए गए लक्षण नजर आ रहे हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। PCOS को नियंत्रित करने के लिए स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और तनाव को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है। संतुलित डाइट और रोजाना एक्सरसाइज से हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने में मदद मिलती है।
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