सेक्स करने के लिए वैसे तो कोई टाइम नहीं देखना चाहिए या यू कहें की सेक्स मूड पर डिपेंड करता है लेकिन ज्यादातर लोग रात में सेक्स करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि सेक्स का एक ऐसा टाइम भी है जो हेल्थ को सुधारने में दुगना फायदा पहुंचाता है. यह रिसर्च में सामने आया है कि सुबह-सुबह सेक्स करना हेल्थ के लिए बहुत अच्छा होता है.
एक रिपोर्ट में सामने आया है कि उत्तर ब्रिटेन में रहने वाले लोग देश के दूसरे जगहों में रहने वाले के मुकाबले कही ज्यादा अच्छा सेक्स करते हैं साथ ही उन लोगों में सेक्स की इच्छाएं भी कही ज्यादा देखी गई हैं.
भूकंप को रोकना किसी के बस में नहीं है. लेकिन आने वाले समय में भूकंप आने के बाद भी हम अपनी जान बचा सकते हैं. रूस में रहने वाले एक शख्स ने बेड का एक ऐसा मॉडल तैयार किया है जो भूकंप आने पर लोगों की जान बचा सकता है.
जापान के टोक्यो में एक ऐसा होटल है जिसका ख्याल कोई इंसान नहीं बल्कि सिर्फ रोबोट रखते हैं. नागासाकी स्थित Henn-Na-Hotel नाम के इस होटल ये रोबोट चेक इन करने वाले लोगों का ध्यान बिल्कुल इंसानों की तरह ही रखते हैं.
हल्दी सिर्फ खाने को ही स्वादिष्ट नहीं बनाती बल्कि हल्दी में ऐसे कई गुण छिपे हैं जिनसे आप अभी तक परिचित नहीं हैं. हमारे जीवन में हल्दी एक औषधि की तरह काम करती है.
मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के इमलिया गौंडी गांव के लोगों की जिंदगी में गौ-पालन ने बड़ा बदलाव ला दिया है. एक तरफ जहां वह लोगों के रोजगार का जरिया बन गई है, वहीं गाय की सौगंध खाकर लोग नशा न करने का संकल्प भी ले रहे हैं.
बच्चे को जन्म के बाद छह महीने की उम्र तक सिर्फ मां का दूध मिलना किसी देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी वरदान साबित हो सकता है, ये सुनने में थोड़ा अटपटा लगेगा लेकिन अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च से ये बात साबित कर दी है.
जानवरों की रक्षा के लिए मशहूर अंतरराष्ट्रीय एनजीओ PETA के एक लेटेस्ट एड में शाकाहारी और मांसाहारी पुरुषों के सेक्स लाइफ की तुलना पर बहस छिड़ गई है. Last Longer नाम के एस एड में दिखाया गया है कि मांस नहीं खाने वाले ज्यादा देर तक आनंद ले पाते हैं.
एक रिसर्च में सामने आया है कि अगर आप अपनी ज्यादा सेल्फी सोशल मीडिया पर डालते है तो वह आपके प्रेम संबंधों में खटास पैदा कर सकता है. सेल्फी को फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर डालना आजकल ट्रेंड बना हुआ है.
मच्छरों के काटने से पैदा होने वाले वायरस ज़ीका की वजह से ब्राज़ील में हज़ारों बच्चों के दिमाग को नुकसान पहुंचा है. फिलहाल ऐसी कोई दवा या इलाज मौजूद नहीं है जिससे ज़ीका से लड़ा जा सके. रिपोर्ट्स के मुताबिक इसे डेंगू और चिकनगुनिया की श्रेणी में ही रखा जाता है.