नई दिल्लीः ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों से जुड़ी एक दिक्कत है जिसमें हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और फ्रैक्चर का खतरा होने लगता है। अनहेल्दी डाइट कैल्शियम या विटामिन डी की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस होना संभव होता है जिसेके कारण आपका चलना- फिरना भी दूभर हो सकता है। अगर आप इस गंभीर बीमारी से बचे रहना चाहते […]
नई दिल्लीः ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों से जुड़ी एक दिक्कत है जिसमें हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और फ्रैक्चर का खतरा होने लगता है। अनहेल्दी डाइट कैल्शियम या विटामिन डी की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस होना संभव होता है जिसेके कारण आपका चलना- फिरना भी दूभर हो सकता है। अगर आप इस गंभीर बीमारी से बचे रहना चाहते हैं तो फॉलो करें ये टिप्स।
अपनी डाइट में डेयरी प्रोडक्ट्स, हरी पत्तेदार सब्जियों, हर तरीके के मौसमी फलों को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा डॉक्टर की राय पर कैल्शियम सप्लीमेंट्स भी लें। आमतौर पर महिलाओं को रोजाना लगभग 1000-1300 मिलीग्राम कैल्शियम की आवयश्कता होती है।
शरीर में कैल्शियम के अवशोषण के लिए विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा होनी आवश्यक है इसलिए नियमित रूप से धूप में कुछ समय बिताएं। अपने खान पान में विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे फैटी फिश औऱ बिना पॉलिश वाले अनाजों को लें।
नियमित रूप से बढ़ते वजन को काम करने वाले व्यायाम, जैसे- ब्रिस्क वॉक, जॉगिंग, डांस और वेटलिफ्टिंग करने से हड्डियां मजबूत होती हैं और बोन डेंसिटी में भी उन्नति होती है।
स्मोकिंग और बहुत अधिक मात्रा में एल्कोहॉल का सेवन बोन लॉस को बढ़ा सकता है इसलिए सिगरेट और एल्कोहॉल छोड़कर बोन हेल्थ को ठीक किया जा सकता है।
कुछ मामलों में मेनोपॉज स्त्रियों को हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी की राय दी जाती है जिससे उनके बोन लॉस को काम किया जा सके, लेकिन डॉक्टर के सलाह के बिना अपने मन से ऐसी कोई थेरेपी लेने का न सोचें।
ऑस्टियोपोरोसिस के उपचार और फ्रैक्चर का जोखिम कम करने के लिए कुछ दवाएं भी मिलती हैं, जिन्हें डॉक्टर की सलाह और परामर्श के बाद ले सकते हैं।
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