online bullying: क्या होती है ऑनलाइन बुलीइंग? जानें कैसे इससे कैसे बचाएं अपने बच्चों को

नई दिल्ली: आजकल के डिजिटल युग में, जहां इंटरनेट हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है। वहीं ऑनलाइन बुलीइंग यानी की इंटरनेट पर दूसरों को परेशान करने की प्रवृत्ति भी बढ़ती जा रही है। इसमें लोग अक्सर सोशल मीडिया, ईमेल, चैट रूम्स, फेसबुक, व्हाट्सएप जैसी वेबसाइट्स, ऑनलाइन गेम्स या अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का […]

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online bullying: क्या होती है ऑनलाइन बुलीइंग? जानें कैसे इससे कैसे बचाएं अपने बच्चों को

Janhvi Srivastav

  • January 29, 2024 10:06 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

नई दिल्ली: आजकल के डिजिटल युग में, जहां इंटरनेट हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है। वहीं ऑनलाइन बुलीइंग यानी की इंटरनेट पर दूसरों को परेशान करने की प्रवृत्ति भी बढ़ती जा रही है। इसमें लोग अक्सर सोशल मीडिया, ईमेल, चैट रूम्स, फेसबुक, व्हाट्सएप जैसी वेबसाइट्स, ऑनलाइन गेम्स या अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करके दूसरों को तंग करते हैं। जिस कारण यह बच्चों और युवाओं में चिंता का विषय है, क्योंकि बच्चे इसके प्रभावों से काफी गहराई से प्रभावित हो सकते है।

आपको बता दें कि ऑनलाइन बुलीइंग के कारण बच्चे तनाव, अकेलेपन, अवसाद और चिंता जैसी समस्याओं का शिकार हो रहे हैं। जिस कारण यह जरूरी है कि माता-पिता और अभिभावक इस विषय पर सतर्क रहें और अपने बच्चों को इससे बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करें। एक्सपर्ट्स (online bullying)के मुताबिक चलिए जानते हैं कि अपने बच्चों को ऑनलाइन बुलीइंग से कैसे बचाएं।

फैलाएं जागरूकता

हमें अपने बच्चों को साइबर बुलीइंग के बारे में बताना बेहद जरूरी है। साइबर(online bullying) बुलीइंग से हमारे बच्चों को काफी मानसिक और भावनात्मक नुकसान हो सकता है। यही कारण है कि हमें उन्हें इस बुराई से बचाने के लिए कुछ बातें समझानी चाहिए जैसे कि साइबर बुलीइंग क्या होती है, इसके बारे में बच्चों को बताएं। यदि कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन उन्हें परेशान करता है, बच्चों को गालियां देता है या डराता धमकाता है, तो वे हमें या किसी बड़े को बताएं, उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है।

निगरानी रखें

अक्सर बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखें। उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स और मोबाइल फोन पर नियमित रूप से जांच करते रहें। इस दौरान बच्चों के डिवाइस और इंटरनेट उपयोग की समय सीमा तय करें। गेमिंग ऐप्स और उन्हें सोशल मीडिया का सुरक्षित तरीके से उपयोग सिखाएं। किसी के साथ अपनी पर्सनल लाईफ न शेयर करें, अनजान लोगों से ऑनलाइन बातचीत न करें और उन्हें अपनी फोटोज न भेजें।

सहायता लें

अगर बच्चा ऑनलाइन बुलीइंग का शिकार हो जाता है तो स्कूल प्रशासन और साइबर क्राइम सेल से संपर्क करें। इस दौरान बच्चों को सकारात्मक दृष्टिकोण दें और उनका आत्मविश्वास बढ़ाएम कि वे इस समस्या का सामना कर सकते हैं।

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