नई दिल्ली: आजकल के आधुनिकता के इस दौर में डायबिटीज़ यानि मधुमेह की बीमारी आमतौर पर हर वर्ग के लोगों में देखी जा रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह हमारे ज़िंदगी जीने के ग़लत तरीके और खानपान है। आजकल के आधुनिकता के इस दौर में डायबिटीज़ यानि मधुमेह की बीमारी आमतौर पर हर वर्ग […]
नई दिल्ली: आजकल के आधुनिकता के इस दौर में डायबिटीज़ यानि मधुमेह की बीमारी आमतौर पर हर वर्ग के लोगों में देखी जा रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह हमारे ज़िंदगी जीने के ग़लत तरीके और खानपान है। आजकल के आधुनिकता के इस दौर में डायबिटीज़ यानि मधुमेह की बीमारी आमतौर पर हर वर्ग के लोगों में देखी जा रही है।
भारत में डायबिटीज़ का बढ़ता प्रकोप!
भारत के सभी इलाकों और अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों में ब्लड शुगर और डायबिटीज़ की बिमारी ज़ोर पकड़ने लगी है। अगर आपका ब्लड शुगर सामान्य से ज़्यादा या कम होता है यानि अगर आपके ख़ून में ग्लूकोस की मात्रा का शरीर की आवश्यकता से ज़्यादा या कम है।
अगर ब्लड शुगर की परेशानी किसी इंसान के शरीर में लंबे समय तक रहती है तो यह इंसान के शरीर पर बहुत बुरे प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में बहुत ज़रुरी है कि आप इस बात से हमेशा सचेत रहें। अगर ऐसी किसी बीमारी से जूझ रहे हों तो इन तमाम परेशानियों से निपटने के लिए डॉक्टरों की सलाह ज़रुर लेनी चाहिए।
क्या है सामान्य ब्लड शुगर?
ऐसा माना जाता है कि एक सामान्य खाली पेट इंसान अगर सुबह के वक्त अपने ब्लड शुगर के स्तर की जाँच करता है तो वो 100mg/dl से कम होना चाहिए। मेडिकल के जानकार ऐसा मानते हैं कि आपका स्तर अगर 100mg/dl है तो आपकी सेहत सही है और चिंता की कोई बात नहीं है।
लेकिन अगर सुबह के फास्टिंग ब्लड शुगर रीडिंग 100 से 125mg/dl के बीच में है तो इसे डायबिटीज़ के शुरुआती लक्षण माना जाता है। इसी तरह अगर किसी इंसान की ब्लड शुगर रीडिंग 126 mg/dl है या इससे ज़्यादा है तो यह राडिंग डायबिटीज़ की श्रेणी में आता है।
क्या किया जाए डायबिटीज़ से बचने के लिए?
हमें हमेशा घर का बना ही भोजन करना चाहिए और उन चीज़ों के इस्तेमाल से बचना चाहिए जिनसे आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। शुगर के स्तर को ठीक करने के लिए ऐसा माना जाता है कि अच्छी नींद भी फ़ायदा पहुँचाती है।
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