नई दिल्ली, कोरोना के पिछले वैरिएंट डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन को कम घातक माना गया था पर इसके फैलने की रफ़्तार किसी भी वैरिएंट के मुक़ाबले ज़्यादा देखी जा सकती है. इसकी पीछे की वजह विश्व स्वास्थ्य संगठन के तकनीकी प्रमुख मारिय वैन केर्खोव ने बताई है.
कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन पूरी दुनिया में तेज़ी से बढ़ रहा है, साथ ही ओमिक्रॉन के मामलों को दिल्ली, मुंबई,पश्चिम बंगाल जैसे शहरों में भी तेज़ी से फैलते पाया गया. किसी भी और वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन के फैलने की रफ़्तार अब वैज्ञानिकों को हैरान कर रही है. WHO के अधिकारी कुछ तथ्य बताते है.
वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन में जो म्युटेशन वायरस है उसे मानव कोशिकाओं से जुड़ने में आसानी होती है. जिस कारण वह सरलता से ट्रांसमिशन कर पा रहा है. इसे रोकने के लिए मानव ट्रांसमिशन से बचने की ज़रुरत है.
कोरोना के नए वायरस में मानव इम्यून सिस्टम से बच निकलने की क्षमता है. जिस कारण लोगो में रीइन्फेक्शन की सम्भावना बानी रहती है. ऐसा होने पर वैक्सीनेटेड इंसान या पहले संक्रमित हो चुके व्यक्ति को भी फिर संक्रमित होने का खतरा होता है.
ओमिक्रॉन के तेज़ी से फैलने का एक और कारण कोरोना के इस वैरिएंट का ऊपर रेस्पिरेटरी होना. पहले मिले सभी वैरिएंट्स में संक्रमण को फेफड़ों यानि लोवर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में रेप्लिकेट होते देखा था. इससे इसके संक्रमण की रफ़्तार काम हो जाती थी पर अब ऐसा नहीं हो पा रहा है.
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