No Smoking Day 2024: जानें धूम्रपान से होने वाली समस्या और छुटकारा पाने के उपाय

नई दिल्ली। आज दुनियाभर में धूम्रपान निषेध दिवस मनाया जा रहा है। ये तो हर कोई जानता है कि धूम्रपान और सिगरेट का सेवन करना सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक है। सिगरेट पीने से हृदय और फेफड़ों पर बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे कैंसर, मधुमेह, नपुंसकता और गर्भवती महिलाओं और भ्रूण को जोखिम उठाना पड़ सकता है। ऐसे में सिगरेट से होने वाले नुकसानों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए और इससे जुड़ी बुरी आदतों से छुटकारा दिलाने के उद्देश्य से नो स्मोकिंग डे मनाया जाता है।

जानें नो स्मोकिंग डे का इतिहास

प्रतिवर्ष मार्च के दूसरे बुधवार को नो स्मोकिंग डे मनाया जाता है। इस साल नो स्मोकिंग डे 13 मार्च 2024 को मनाया जा रहा है। इसका इतिहास करीब 40 साल पुराना है। दरअसल, 1984 में ब्रिटेन में नो स्मोकिंग के नाम से एक चैरिटी बनी थी। जिसका कार्य धूम्रपान से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को उजागर करना और लोगों को धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना था। जिसके बाद इसे नो स बाद में इसे धूम्रपान निषेध दिवस ( No Smoking Day) के नाम से पूरी दुनिया में मनाया जाने लगा।

इस साल की नो स्मोकिंग डे थीम

बता दें कि हर साल सिगरेट व धूम्रपान के सेवन को रोकने के उद्देश्य से नो स्मोकिंग डे मनाया जाता है। जिसके लिए एक खास विषय भी निर्धारित होता है। इस साल धूम्रपान निषेध दिवस 2024 की थीम, बच्चों को तंबाकू प्रोडक्ट्स से बचाना है।

सिगरेट के सेवन से होने वाले नुकसान

सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की मानें तो सिगरेट शरीर के संपूर्ण अंगों को हानि पहुंचाता है। अध्ययन में पता चला है कि स्मोकिंग से बहुत सारी बीमारियों का खतरा बना रहता है। आइए जानते हैं इन धूम्रपान से होने वाली बीमारियों के बारे में।

हृदय रोग का खतरा

धूम्रपान करने से लोगों में हृदय रोग और स्ट्रोक आदि से मरने की संभावना सामान्य लोगों की तुलना में तीन गुना बढ़ जाती है। साथ ही हृदय रोग होने का खतरा भी दोगुना हो जाता है।

फेफड़े का कैंसर

बता दें कि धूम्रपान का सबसे ज्यादा प्रभाव फेफड़ों पर होता है। इससे फेफड़े खराब होने लगते हैं। इसके अलावा फेफड़े के कैंसर के चांसेस भी बढ़ जाते हैं। यही नहीं फेफड़े का कैंसर होने से होने वाली 10 में से लगभग 9 मौत का कारण धूम्रपान होता है।

गर्भवस्था में परेशानी

जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं उनके रिप्रोडक्शन सिस्टम में परेशानी हो सकती है। जिसके कारण उन महिलाओं को गर्भावस्था में समस्याएं आ सकती हैं। गर्भावस्था में स्मोकिंग से भ्रूण के लिए भी काफी मुश्किलें हो सकती हैं।

क्रोनिक ब्रोंकाइटिस

इसके अलावा धूम्रपान करने से अस्थमा के दौरे ट्रिगर हो सकते हैं। साथ ही क्रोनिक ब्रोंकाइटिस के बढ़ने के चांसेस होते हैं।

धूम्रपान छोड़ने के उपाय

योजना बनाएं

सबसे पहले धूम्रपान छोड़ने की योजना बनाएं। इसके लिए धूम्रपान छोड़ने की एक तारीख तय कर लें। अब आगे की चुनौतियों के लिए खुद को तैयार करें।

सपोर्ट मांगें

दोस्तों, परिवार के सदस्यों या सहायता समूह की मदद से धूम्रपान छोड़ना आसान होता है। ऐसे में आप किसी डॉक्टर या परामर्शदाता जैसे स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से भी बात कर सकते हैं, जो इसके लिए आपको मार्गदर्शन और संसाधन प्रदान करेंगे।

निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी

इसके लिए निकोटिन प्रतिस्थापन चिकित्सा, जैसे निकोटीन गम, पैच या लोज़ेंजेस, लालसा और निकासी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।

दवा पर विचार

धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रिस्क्रिप्शन दवाएं उपलब्ध हैं। ये क्रेविंग और वापसी के लक्षणों को कम करने में सहायता करती हैं। इन दवाओं को एक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर के मार्गदर्शन में ही लें।

विश्राम तकनीक

अक्सर धूम्रपान विश्राम की भावना प्रदान करता है। इसलिए वैकल्पिक विश्राम तकनीकों को खोजना मददगार साबित हो सकता है। इसमें गहरी साँस लेने के व्यायाम, योग या ध्यान शामिल हैं।

खुद को एक्टिव रखें

नियमित व्यायाम करना, क्रेविंग को कम करने और वापसी के लक्षणों को रोकने में सहायता कर सकता है। इसके लिए हर दिन कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि जरूर करें।

ट्रिगर्स से दूर रहें

अल्कोहल, कैफीन या तनावपूर्ण स्थितियों जैसे ट्रिगर्स से बचें। इससे स्मोकिंग की क्रेविंग होती है। धूम्रपान ट्रिगर्स में बदलाव लाने के लिए वैकल्पिक गतिविधियों या वातावरण खोजें।

(नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। इनका पालन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।)

Nidhi Kushwaha

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