नई दिल्ली: इतिहास की कहानियों में मुगल बादशाह अकबर के हरम का सबसे ज्यादा चर्चा है. कई इतिहासकारों के अनुसार उस समय हरम में 5 हजार से अधिक महिलाएं थीं. मुगल सल्तनत में हरम का अपना महत्व था. यह मुगल सम्राट के आराम और विलासिता का केंद्र था. हरम को खास तौर पर किले के उस हिस्से में बनाया जाता था. जहां कोई भी पुरूष प्रवेश नहीं कर सकता था. हरम में केवल राजा ही जाते थे. हरम में बादशाह के अलावा कोई प्रवेश न कर सके. इसके लिए हिजड़ों को सुरक्षा के लिए तैनात किया जाता था.
हरम में बादशाह के सेवा के लिए कई औरतें होती थी. औरते पहले बादशाह को शराब परोसती थी. फिर नाच- गान होता था. यह सिलसिला तब तक चलता था जब तक बादशाह का मनोरंजन से मन न भर जाएं. इसके बाद बादशाह अपनी मन पंसद की रानियों को चुनते थे. उनके साथ संबंध बनाते थे. वहीं हरम में केवल भारी-भरकम शरीर वाले महिलाओं को रखते थे.
रानियों को खुश करने के लिए नवाब और मुगल अपने थाली में विभिन्न प्रकार के व्यजंन खाते थे. इनमें हिरण के नाभि का भोजन भी शामिल होता था. बादशाह मांस के अलावा सूखे मेवा खाते थे. वहीं रसोइया अशरफी के सोने का राख बनाता था. जिसे बादशाह के खाने में मिलाया जाता था. इससे उनका खाना स्वादिष्ट होता था. और उन्हें ताकत भी मिलती थी. वहीं इतिहास में ये भी कहानियां है कि कई मुगल नवाब जंगली खरगोशों और हिरण के खोपड़ी खा लेते थे.
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