नई दिल्ली: आजकल भारत में बच्चों में मोटापा एक बड़ी चिंता का विषय बनता जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 50 फीसदी से ज्यादा बच्चे मोटापे का शिकार हो रहे हैं। यह आंकड़ा स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए काफी चौंकाने वाला है और यह स्पष्ट संकेत देता है कि यह बीमारी तेजी से बढ़ रही […]
नई दिल्ली: आजकल भारत में बच्चों में मोटापा एक बड़ी चिंता का विषय बनता जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 50 फीसदी से ज्यादा बच्चे मोटापे का शिकार हो रहे हैं। यह आंकड़ा स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए काफी चौंकाने वाला है और यह स्पष्ट संकेत देता है कि यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है।
बच्चों में मोटापे का सबसे बड़ा कारण उनकी जीवनशैली में आए बदलाव हैं। आजकल बच्चे अधिकतर समय मोबाइल, टीवी, या कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बिताते हैं। इसके अलावा, शारीरिक गतिविधियों की कमी और जंक फूड का सेवन भी मोटापे का मुख्य कारण बन रहा है। नियमित व्यायाम न करने और बाहर खेलने की आदत छोड़ने से बच्चों का वजन तेजी से बढ़ रहा है।
बच्चों की खानपान की आदतों में भी बदलाव आया है। आजकल अधिकतर बच्चे तैलीय, मीठे और पैकेज्ड फूड का सेवन ज्यादा कर रहे हैं। फास्ट फूड, सॉफ्ट ड्रिंक्स और स्नैक्स ने उनके नियमित भोजन को बदल दिया है, जिससे उनके शरीर में अतिरिक्त कैलोरी जमा हो रही है। इसके अलावा, भोजन में पौष्टिकता की कमी भी मोटापे का कारण है।
स्कूल के बाद अधिकांश बच्चे अपने खाली समय का उपयोग खेलकूद में नहीं करते। इसके बजाय, वे मोबाइल गेम्स खेलते हैं या टीवी देखते हैं। यह निष्क्रिय जीवनशैली उनके शरीर में अतिरिक्त वजन बढ़ाने का मुख्य कारण बनती जा रही है। पहले जहां बच्चे पार्क में खेलते और दौड़ते थे, अब उनकी शारीरिक गतिविधि लगभग न के बराबर हो गई है।
कुछ मामलों में, बच्चों में मोटापे का कारण मानसिक तनाव भी हो सकता है। पढ़ाई का दबाव, प्रतिस्पर्धा, और अन्य सामाजिक समस्याएं बच्चों को तनाव में डाल सकती हैं। इससे वे भावनात्मक रूप से कमजोर हो जाते हैं और अस्वस्थ खाने की आदतें अपनाने लगते हैं, जिससे उनका वजन बढ़ जाता है।
बच्चों में मोटापा रोकने के लिए जरूरी है कि माता-पिता और शिक्षक इस दिशा में ध्यान दें। बच्चों को बाहर खेलने के लिए प्रेरित करना, संतुलित और पौष्टिक आहार देना, और शारीरिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना बहुत महत्वपूर्ण है। साथ ही, उनके स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करना और घर का बना खाना खाने की आदत डालना भी फायदेमंद हो सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, बच्चों में मोटापा एक गंभीर वैश्विक समस्या है और अगर इसे समय पर नहीं रोका गया, तो भविष्य में यह और बड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है। मोटापे से ग्रस्त बच्चे अक्सर अन्य बीमारियों जैसे डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, और दिल की बीमारियों के शिकार हो सकते हैं।
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