नई दिल्लीः सर्दियां शुरू हो चुकी हैं और इसके साथ ही लोगों को कई समस्याएं भी होने लगी हैं। इस मौसम में जहां विभिन्न संक्रमण और बीमारियां लोगों को अपनी चपेट में ले लेती हैं, तो वहीं कई इस मौसम में सिरदर्द की दक्कत से परेशान रहते हैं। कई लोगों के लिए यह गंभीर नहीं […]
नई दिल्लीः सर्दियां शुरू हो चुकी हैं और इसके साथ ही लोगों को कई समस्याएं भी होने लगी हैं। इस मौसम में जहां विभिन्न संक्रमण और बीमारियां लोगों को अपनी चपेट में ले लेती हैं, तो वहीं कई इस मौसम में सिरदर्द की दक्कत से परेशान रहते हैं। कई लोगों के लिए यह गंभीर नहीं होता और कुछ वक्त में ठीक हो जाता है। वहीं कुछ लोगों के लिए सीजनल माइग्रेन की शुरुआत हो सकती है, जो आगे जाकर उनके लिए काफी मुश्किल भरा हो सकता है। ऐसे में इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने गुरुग्राम स्थित मैक्स हॉस्पिटल, न्यूरोलॉजी में प्रमुख सलाहकार डॉ. विन्नी सूद से बातचीत की।
डॉक्टर विन्नी ने बताया कि बैरोमीटर के दबाव में बदलाव की वजह से सर्दियों में माइग्रेन की स्थिति सबसे खराब हो जाती है, जिससे दिमाग की वाहिका में सिकुड़न होता है, जिससे माइग्रेन शुरू हो जाता है। इसके अलावा सर्दियों में सेरोटोनिन के स्तर में बदलाव भी माइग्रेन ट्रिगर की वजह बनता है। ऐसे में सर्दियों में माइग्रेन से बचने के लिए ठंडी हवाओं के संपर्क में आने से बचें, खुद को उचित रूप से हाइड्रेटेड रखें, पर्याप्त नींद लें, सही वक्त पर खाना खाएं। सर्दियों में माइग्रेन में बचने में ये टिप्स मददगार होंगे
इन दिनों लोगों की दिनचर्या काफी तनावपूर्ण हो चुकी है। साथ ही मौसम में बदलाव के कारण से भी अक्सर तनाव की स्थिति बन जाती है। ऐसे में तनाव मैनेज कर आप इससे बच सकते हैं। इसके लिए डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज, मेडिटेशन जैसी तकनीक मददगार होंगी।
बिगड़ती लाइफस्टाइल के कारण लोगों की सोने की आदतें भी काफी बदल गई है। अनियमित नींद माइग्रेन के कारण हो सकता है। ऐसे में प्रयास करें कि आप रोजाना 7 से 9 घंटे की नींद आवश्य लें, ताकि माइग्रेन से बचा जा सके।
शरीर में पानी की कमी कई स्वास्थ्य परेशानियो की वजह बन सकती है। माइग्रेन इन्हीं समस्याओं में से एक है, जो डिहाइड्रेशन के कारण अक्सर ट्रिगर हो जाता है। ऐसे में प्रयास करें कि दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पिएं और एक बोतल अपने साथ रखें और वक्त-वक्त पर पानी पीते रहे हैं।
माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति को ज्यादातर शोर-शराबे और तेज रोशनी से दिक्कत होती है। ऐसे में प्रयास करें कि आप जहां रह रहे हैं, वहां काले या गहरे रंग के पर्दे से रोशनी को कंट्रोल करें और शोर को कम कर शांतिपूर्ण वातावरण बनाए। यह सीजनल माइग्रेन के संभावित ट्रिगर को कम करने में सहायता कर सकता है।
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