नई दिल्ली : तनाव महसूस न करने से बड़ी समस्याओं से निपटना आसान हो जाता है, लेकिन आज हम जिस तरह से जी रहे हैं, उसमें तनाव महसूस न करना चुनौतीपूर्ण है. अब तक हमने जो सबसे अजीब बात देखी है वो ये है कि न केवल तनाव, एंग्जाइटी की गिरफ्त में सिर्फ बड़े ही […]
नई दिल्ली : तनाव महसूस न करने से बड़ी समस्याओं से निपटना आसान हो जाता है, लेकिन आज हम जिस तरह से जी रहे हैं, उसमें तनाव महसूस न करना चुनौतीपूर्ण है. अब तक हमने जो सबसे अजीब बात देखी है वो ये है कि न केवल तनाव, एंग्जाइटी की गिरफ्त में सिर्फ बड़े ही नहीं हैं, लोग मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात करने या पेशेवर परामर्श लेने से डरते हैं क्योंकि उन्हें मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी नहीं है. लंबे समय तक मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज करने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
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हरा ही नहीं बल्कि नीला रंग भी तन-मन को प्रसन्न और तनावमुक्त रखता है. आपने देखा होगा कि समुद्र तट पर छुट्टियां मनाने के बाद आपको एक अलग तरह की शांति का एहसास होता है. ब्लू माइंड थेरेपी का पूरा मतलब यही है कि जल, नदियाँ, तालाब, झरने – ये सब मन को आनंदित करते है, ये रचनात्मकता को बढ़ाने का भी काम करते हैं. पानी को देखने मात्र से ब्रेन में डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे फील-गुड हार्मोन रिलीज होते हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं.
यदि तनाव जकड़ रखा है और इससे निकलना हो रहा है मुश्किल, तो ऑफिस-घर इन सभी की टेंशन छोड़कर कुछ दिनों के लिए किसी Beach वाली जगह जाकर समय गुजारें, समुद्र के किनारे बैठकर पानी को निहारें, बीच वॉक करें या फिर वाटर स्पोर्ट्स ट्राई करें. ये सारी ही चीजें दिमाग को रिलैक्स करती हैं. साथ ही दिमाग को शांत और रिचार्ज करने में स्विमिंग की भी मदद ले सकते हैं. इससे भी एक-साथ 2 फायदे मिलते हैं. एक तो बॉडी हेल्दी रहती है और दूसरा माइंड रिलैक्स होता है.
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