नई दिल्ली: हिंदू धर्म में प्राचीन काल से बहुत सी परंपराएं चली आ रही हैं जिनका आज के दौर में भी पालन किया जाता है। इसमें महिलाओं के बाल काटने से लेकर धोने तक से जुड़ी कई मान्यताएं हैं।
शास्त्रों में नियम
शास्त्रों में कई प्रकार के नियम बताए गए हैं। जिनमें सुहागिन और कुंवारी लड़कियों को कुछ विशेष नियमों का पालन करने की सलाह दी गई है।
स्नान का महत्व
शास्त्रों के अनुसार स्नान को सबसे ज्यादा महत्व दिया गया है। स्नान करने के बाद ही हमारे शरीर का शुद्धिकरण होता है और जब तक शरीर शुद्ध नहीं होता तब तक कोई काम नहीं करना चाहिए।
बाल धोने के नियम
आजकल महिलाएं किसी भी दिन अपने बाल धो लेती है जो बिल्कुल ठीक नहीं माना जाता। शास्त्रों में इसके बारे में नियम बताए गए हैं कि स्त्रियों को किस दिन अपने बाल धोने चाहिए।
इस दिन न धोएं बाल
विवाहित स्त्रियों को एकादशी, आमवस्या और पूर्णिमा के दिन अपने केस नहीं धोने चाहिए। साथ ही किसी भी त्यौहार या व्रत के दिन बाल नहीं धोना चाहिए।
होते हैं ये नुकसान
अमावस्या और पूर्णिमा के दिन बाल धोने से जीवन में दरिद्रता आ सकती है। साथ ही मां लक्ष्मी इससे नाराज हो सकती हैं साथ ही घर परिवार में अशांति उत्पन्न हो सकती है।
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