नई दिल्ली। बरसात के मौसम में ह्यूमिडिटी की दिक्कत सबसे ज्यादा होती है. इस मौसम में पसीना और चिपचिपाहट से केवल एसी में बैठने पर ही आराम मिलता है. कुछ लोगों को इतनी गर्मी लगती है कि वो सिर्फ एसी के ठीक सामने ही बैठना और सोना पसंद करते है. यही नही, एसी का टेंपरेचर भी 18-20 रखते है. यदि आप भी कुछ ऐसा ही करते है तो सतर्क हो जाएं. बहुत कम टेंपरेचर पर एसी चलाना आपकी हेल्थ पर बहुत भारी पड़ सकता है. कम टेंपरेचर पर चलाने से आपकी सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है. जानें एसी को किस टेंपरेचर पर चलाना चाहिए और कम टेंपरेचर पर एसी चलाना क्यों नुकसानदेह है.
एक्स्पर्ट्स का मानना है कि एसी को हमेशा 24-25 डिग्री पर ही यूज़ करना चाहिए. कम डिग्री पर एसी चलाने से आपकी हेल्थ पर उल्टा प्रभाव होता है. गर्मी हो चाहे सर्दी बाहर से तापमान से कमरे या घर के तापमान में एक्सट्रीम चेंज नही होना चाहिए. बॉडी के तापमान की तुलना में बहुत कम तापमान पर सेट किए गए एसी रूम से नमी को गायब कर देते है. फिर त्वचा से पसीना आना रुक जाता है और ऑयल ज्यादा निकलने लगता है. ऑयल निकलने से मुँहासे, समय से पहले झुर्रियाँ और त्वचा में जलन की समस्याएं हो सकती है. ज्यादा हाई टेंपरेचर में त्वचा के पोर्स क्लोज़ हो सकते है और फिर इस वजह से स्किन के फ़ंक्शन पर प्रभाव पड़ता है.
• कम टेंपरेचर पर एसी चलने से बॉडी का थर्मल रेगुलेशन पर प्रभाव पड़ता है.
• ड्राई और ठंडी हवा में वायरस और जर्म्स जल्दी पैदा होकर फैलते है.
• कम डिग्री पर एसी चलाने से अस्थमा और माइग्रेन की परेशानी हो सकती है.
• एसी में ज्यादा रहने से समय से पहले बूढ़े लगने लगते है. त्वचा पर जल्द झुर्रियाँ आने लगती है.
• कम डिग्री पर एसी चलाने से बाल झड़ना, नाक बंद होना और गला सूखने जैसी समस्याएं हो सकती है.
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