नई दिल्ली: बवासीर की बीमारी जिसे पाइल्स के नाम से भी जाना जाता है. यह आजकल के खराब खान-पान और जीवनशैली के कारण तेजी से बढ़ने वाली एक सामान्य बीमारी बन गई है। इस स्थिति में मलाशय के निचले हिस्से में सूजन हो जाती है, जिससे मल त्यागते समय व्यक्ति को अत्यधिक दर्द और असुविधा […]
नई दिल्ली: बवासीर की बीमारी जिसे पाइल्स के नाम से भी जाना जाता है. यह आजकल के खराब खान-पान और जीवनशैली के कारण तेजी से बढ़ने वाली एक सामान्य बीमारी बन गई है। इस स्थिति में मलाशय के निचले हिस्से में सूजन हो जाती है, जिससे मल त्यागते समय व्यक्ति को अत्यधिक दर्द और असुविधा का सामना करना पड़ता है। वहीं अगर समय रहते इसका इलाज नहीं किया जाए, तो यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है। हालांकि आयुर्वेद में बवासीर के इलाज के लिए कई घरेलू उपाय शामिल हैं, जिनमें पान के पत्तों का उपयोग काफी असरदार माना जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार, पान के पत्तों में औषधीय गुण होते हैं जो पाचन तंत्र को सुधारने में सहायक होते हैं। पान की तासीर गर्म होती है, जो मल को आसानी से बाहर निकालने में मदद करती है और बवासीर में सूजन को कम करती है। इसके नियमित सेवन से पेट ठंडा रहता है और कब्ज की समस्या से राहत मिलती है, जो बवासीर का मुख्य कारण होती है।
1. पान के पत्तों का पानी: बवासीर को जड़ से खत्म करने के लिए पान के पत्तों का पानी बेहद लाभकारी होता है। इसके लिए 1 गिलास पानी में 3-4 पान के पत्तों को डालकर उसे उबालें। जब पानी आधा रह जाए, तो इसे छानकर हल्का ठंडा करके पी लें। इस प्रक्रिया को नियमित रूप से करने पर बवासीर के लक्षणों में कमी आएगी।
2. पान का पेस्ट: बवासीर से पीड़ित व्यक्ति पान के पत्तों का पेस्ट बनाकर सूजन वाली जगह पर लगा सकते हैं। इसके लिए पान के पत्तों को पीसकर प्रभावित क्षेत्र पर दिन में 1-2 बार लगाएं। यह सूजन को कम करने और बवासीर से राहत पाने में मदद करेगा।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकरी को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले.
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