नई दिल्ली: आजकल लोगों को अपना जेंडर बदलने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है। ये काम करवाना काफी आसान हो गया है लेकिन इसके बाद एक सवाल उठता है कि क्या जेंडर बदलने के बाद आवाज बदली जाती है। जानिए क्या है इस बात की सच्चाई? जेंडर बदलने से आवाज कैसे बदलती है? […]
नई दिल्ली: आजकल लोगों को अपना जेंडर बदलने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है। ये काम करवाना काफी आसान हो गया है लेकिन इसके बाद एक सवाल उठता है कि क्या जेंडर बदलने के बाद आवाज बदली जाती है। जानिए क्या है इस बात की सच्चाई?
जेंडर चेंज करवाने के बाद आवाज नहीं बदल सकती है। अगर किसी को अपनी आवाज में बदलाव करवाना होता है तो इसके लिए भी एक सर्जरी होती है। इस सर्जरी को वॉइस चेंज सर्जरी कहते हैं. इस सर्जरी में इंसान को 1 हफ्ते तक कुछ नहीं बोलना होता है। साथ ही आवाज में बदलाव के लिए स्पीच थेरेपी भी लेनी पड़ती है।
जेंडर चेंज का प्रोसेस काफी लंबा और खर्चीला माना जाता है। साइकोलॉजिकल असेसमेंट के बाद मरीज को हार्मोन थेरेपी दी जाती है. ऐसा करने से शरीर में हार्मोन बदलने की दवाएं इंजेक्ट की जाती है। जिससे शरीर में हार्मोन बदलते हैं. इस प्रोसेस के बाद सर्जरी की तैयारी होती है।
महिलाओं को पुरुष बनना है तो वें 33 अलग-अलग मेडिकल प्रोसेस से गुजरना पड़ता हैं और मेल को फीमेल बनना हो तो उन्हें 18 मेडिकल प्रोसेस पास करने पड़ते हैं। हार्मोनल चेंजेस के प्रोसेस के बाद लोगों के प्राइवेट पार्ट्स का शेप बदला जाता है। इसके बाद अन्य अंग जैसे फेस, बाल, कान से लेकर नाखून तक की सर्जरी होती है।
अगर पुरुष महिला बनना चाहता है तो उसके स्तनों की सर्जरी में जांघों के पास से मांस लिया जाता है। हालांकि, कई बार पुरुष महिला बनने के लिए सारे प्रोसेस फॉलो नहीं करते सिर्फ कुछ जरूरी सर्जरी करवाते हैं।
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