वेश्यावृत्ति के धंधे में अब सिर्फ महिलाएं ही नहीं पुरुषों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. इन पुरुषों को 'जिगोलो' कहा जाता है. ज्यादातर कॉलेज स्टूडेंट पैसा कमाने के लिए इस धंधे का सहारा ले रहे हैं. दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में रात के समय महिलाएं इन मेल सेक्स वर्कर्स को हायर करती हैं.
नई दिल्ली: वेश्यावृत्ति जैसे गोरखधंधे की चपेट में अब सिर्फ महिलाएं ही नहीं पुरुषों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. अगर भारत में देखे तो यहां इस धंधे में हजारों की तादाद में पुरुष लिप्त हैं जिन्हें जिगोलो कहा जाता है. पिछले साल हुए एक सर्वे की माने तो भारत के कई महानगरों में इस तरह का धंधा करने वाले पुरुषों की तादाद में इजाफा हो रहा है. जिसके बाद हाल ही में बनी एक नई रिपोर्ट ने भी दावा किया है कि दिल्ली और उसके जैसे कई बड़े शहरों में पुरुष इस धंधे में लिप्त हैं. ज्यादातर कॉलेज स्टूडेंट पैसा कमाने के लिए इस धंधे का सहारा ले रहे हैं.
मीड़िया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बड़े शहरों की महिलाओं में इन पुरुषों की डिमांड काफी है. वे रात के समय ‘जिगोलो’ को हायर करती हैं जिन्हें हर घंटे के हिसाब से 1-3 हजार रुपए दिए जाते हैं.इसके साथ ही कई मेल सेक्स वर्कर्स ‘गे’ होते हैं जो अन्य पुरुषों के साथ समलैंगिक संबंध बनाते हैं. दरअसल, कई ऐसी एजेंसिया भी महानगरों में मौजूद हैं जो ‘जिगोलो’ सप्लाई के धंधे में लिप्त हैं. रिपोर्ट्स की माने तो देश की राजधानी दिल्ली, मुंबई और चंडीगढ़ जैसे शहरों में यह गोरख धंधा धीरे-धीरे बढ़ने की कगार पर है.
हालांकि, सरकार के इन मामलों में कड़े नियम कानून हैं. All India Suppression of Human Trafficking Act के मुताबिक, भारत में अगर कोई सेक्स वर्कर अपना फोन नंबर सार्वजनिक करता है तो ऐसा करने पर उसे 10 महीने की जेल और जुर्माना हो सकता है. इसके साथ ही अगर कोई शख्स 18 वर्ष से कम उम्र की वेश्या के साथ पाया जाता है तो उसे 7-10 साल तक की सजा हो सकती है. इसके अलावा एक नई रिपोर्ट के मुताबिक भारत में करीब 3-4 करोड़ सेक्स वर्कर यौन संक्रमित बीमारियों से घिरे हुए हैं. गौरतलब है कि मेल प्रॉस्टिट्यूशन बेरोजगार युवकों को अपनी चपेट में तेजी से ले रहा है.