नई दिल्ली : हल्दी के बिना कोई भी व्यंजन अधूरा माना जाता है। हल्दी हर रसोई में एक जरूरी सामग्री मानी जाती है। यह न सिर्फ खाने को खूबसूरत रंग देती है, बल्कि उसे पोषण भी देती है। कच्ची हल्दी का इस्तेमाल कई दवाइयों के निर्माण में किया जाता है। इसे मेडिकल साइंस और आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी के तौर पर देखा जाता है। आमतौर पर लोग घरों में इसका पाउडर इस्तेमाल करते हैं, लेकिन कच्ची या गोटा हल्दी भी आपकी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है।
कच्ची हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट तत्व बड़ी मात्रा में होते हैं। ये तत्व आपके शरीर में फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा प्रदान करते हैं, आपकी कोशिकाओं को सुरक्षित रखते हैं और उनकी उम्र बढ़ाते हैं।
कच्ची हल्दी में करक्यूमिन भरपूर मात्रा में होता है, जो एक तरह का एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड है। यह खास कंपाउंड शरीर में किसी भी तरह के संक्रमण या लंबे समय तक सूजन को कम करने में मददगार हो सकता है।
नियमित रूप से अपनी डाइट में कच्ची हल्दी को शामिल करने से आपको पुराने दर्द से राहत मिल सकती है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों के दर्द, गठिया, मांसपेशियों के दर्द आदि से राहत दिलाने में कारगर हैं।
कच्ची हल्दी आपके पाचन तंत्र को बेहतर और मजबूत बनाने में मदद करती है। यह आपके शरीर में फैट के जमाव को रोकती है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाती है। नतीजतन, आपका वजन धीरे-धीरे कम होने लगता है।
कच्ची हल्दी आपके रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत बनाने में मददगार हो सकती है। यह आपके शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता को काफी हद तक बढ़ाती है।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जागरूकता लाना है। यह किसी भी योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है।
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