नई दिल्ली: क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन, इसमें मौसम और तापमान समय-समय पर बदलता है। जब भी क्लाइमेट चेंज होता है तो इंसान की सेहत पर भी असर पड़ता है। खासतौर पर मनुष्य के मस्तिष्क पर इसका ऐसा असर होता है जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए सही नहीं माना जाता है। जलवायु परिवर्तन से इंसान […]
नई दिल्ली: क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन, इसमें मौसम और तापमान समय-समय पर बदलता है। जब भी क्लाइमेट चेंज होता है तो इंसान की सेहत पर भी असर पड़ता है। खासतौर पर मनुष्य के मस्तिष्क पर इसका ऐसा असर होता है जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए सही नहीं माना जाता है।
जलवायु परिवर्तन से इंसान में गुस्सा, भावनाएं और चिंता, निराशा जैसी चीजें पैदा होती है। इन सभी के कारण उनकी मेंटल हेल्थ डिस्टर्ब हो जाती है। इसे मानसिक परिवर्तन भी कहा जा सकता है।
जलवायु बदलाव से ब्रेन भी बदलाव महसूस करता है। अक्सर ऐसे ख्याल उन्हें अपनी रोजाना लाइफस्टाइल से आता है। इंसान की खराब लाइफस्टाइल उनके दिमाग में ऐसी बातों को जगह देती है जिससे वे बेवजह चिंता और स्ट्रेस में जीते हैं।
-कई बार ऐसे लोग इतने ज्यादा इमोशनल प्रवृति के हो जाते है कि अपनी भावनाओं पर कंट्रोल रखना ही भूल जाते हैं।
-जो इस बदलाव के साथ खुद में परिवर्तन नहीं कर पाते वे मुश्किलों से भागने लगते हैं। वे हमेशा छिपकर कार्य करना पसंद करते हैं।
-इन लोगों में एक प्रकार की जलन की समस्या भी देखी जाती हैं, ये लोग अन्य की खुशी में सूख अनुभव नहीं कर पाते।
-ऐसे लोगों को अपनी परेशानियों का सामना करना चाहिए जिससे वे मेंटली स्ट्रांग होंगे।
-इन लोगों को फिजूल की चिंताओं से खुद को दूर रखने की कोशिश करनी चाहिए।
-वर्कआउट और फिजिकल एक्टिविटी को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में जगह दें।
-अपनी रोजाना जिंदगी में आई हर परिस्थिति में खुश रहने का प्रयास करें।
-आलस करने से बचें और काम जारी रखें।
-अच्छे फ्यूचर के लिए अच्छी बातें सोचें और अच्छी प्लानिंग करें।
-मेंटल हेल्थ के लिए स्ट्रेस फ्री रहना जरूरी है, यदि कभी-भी काम ओवरलोड लगे तो दूसरे की सहायता लेना सही रहेगा।
-खुद पर हमेशा दुनिया में हो रही नए-नए बदलावों का गलत प्रभाव न पड़ने दें।
-खुद को अकेला महसूस न होने दे, किसी परेशानी में दोस्तों और परिवार का साथ आपके अंदर नई ऊर्जा भरेगा।
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