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वेट लॉस के लिए करना चाहते हैं इंटरमिटेंट फास्टिंग, पहले जान लें इसके फायदे और नुकसान

नई दिल्ली: आजकल वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग (IF) तेजी से लोकप्रिय हो रही है। इसे अपनाने से पहले इसके फायदे और नुकसान जान लेना बेहद जरूरी है ताकि आप इसे सुरक्षित और प्रभावी तरीके से अपने जीवन में शामिल कर सकें। इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है? इंटरमिटेंट फास्टिंग में खाने के समय को कुछ […]

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  • November 3, 2024 10:49 am Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली: आजकल वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग (IF) तेजी से लोकप्रिय हो रही है। इसे अपनाने से पहले इसके फायदे और नुकसान जान लेना बेहद जरूरी है ताकि आप इसे सुरक्षित और प्रभावी तरीके से अपने जीवन में शामिल कर सकें।

इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है?

इंटरमिटेंट फास्टिंग में खाने के समय को कुछ घंटे या दिनों के अंतराल में सीमित किया जाता है। इस दौरान आप एक तय समय में भोजन करते हैं और बाकी समय उपवास करते हैं। सबसे आम तरीका 16/8 है, जिसमें 16 घंटे का उपवास और 8 घंटे का भोजन का समय होता है। इसके अलावा 5:2 तरीका भी है, जिसमें 5 दिन सामान्य आहार और 2 दिन कम कैलोरी वाला आहार लिया जाता है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे

1. वजन घटाने में सहायक: जब हम लंबे समय तक कुछ नहीं खाते तो शरीर ग्लूकोज की कमी पूरी करने के लिए संग्रहीत वसा का उपयोग करता है, जिससे वजन कम होता है।

2. मेटाबोलिज्म में सुधार: उपवास के दौरान इंसुलिन का स्तर कम होता है, जिससे फैट बर्न होने की प्रक्रिया तेज हो जाती है।

3. हृदय स्वास्थ्य: यह कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को घटाता है, जो हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में सहायक है।

4. शरीर को डिटॉक्स: जब आप कुछ समय के लिए उपवास करते हैं, तो शरीर में जमा विषाक्त पदार्थ धीरे-धीरे बाहर निकल जाते हैं, जिससे शरीर स्वस्थ रहता है।

5. मानसिक स्पष्टता: फास्टिंग के दौरान ब्रेन फंक्शन बेहतर होता है, जिससे मानसिक स्पष्टता में सुधार महसूस होता है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के नुकसान

1. ऊर्जा की कमी: शुरुआत में ऊर्जा में कमी महसूस हो सकती है, जिससे थकान और कमजोरी हो सकती है।
2. भूख और चिड़चिड़ापन: उपवास के समय में भूख बढ़ सकती है, जिससे मूड पर असर पड़ता है और चिड़चिड़ापन आ सकता है।
3. पाचन पर असर: लंबे समय तक कुछ न खाने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं जैसे एसिडिटी या गैस।
4. मांसपेशियों में कमी का खतरा: उचित प्रोटीन ना मिलने पर मांसपेशियों में कमजोरी आ सकती है।
5. हार्मोनल असंतुलन: महिलाओं के हार्मोनल संतुलन पर असर पड़ सकता है, जिससे मासिक धर्म संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

इंटरमिटेंट फास्टिंग अपनाते समय ध्यान देने योग्य बातें

– शुरुआत धीरे-धीरे करें और पहले छोटे अंतराल से शुरू करें।

– अधिक पानी पिएं ताकि शरीर में हाइड्रेशन बना रहे।

– पौष्टिक और संतुलित आहार का सेवन करें ताकि शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व मिलते रहें।

– अपनी शारीरिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ की सलाह लें, खासकर अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है।

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