नई दिल्ली। सोना शरीर को सुकून देता है। आपको कभी-कभी नींद से उठने के बाद गर्दन और कंधों में दर्द महसूस होता होगा । बता दें ,यह या तो गर्दन या सिर के एक अजीब कोण के कारण भी हो सकता है। जोकि स्नायुबंधन, मांसपेशियों और जोड़ों पर तनाव और खिंचाव कर सकता है। जब […]
नई दिल्ली। सोना शरीर को सुकून देता है। आपको कभी-कभी नींद से उठने के बाद गर्दन और कंधों में दर्द महसूस होता होगा । बता दें ,यह या तो गर्दन या सिर के एक अजीब कोण के कारण भी हो सकता है। जोकि स्नायुबंधन, मांसपेशियों और जोड़ों पर तनाव और खिंचाव कर सकता है। जब आप नींद में हो तो अचानक पोजिशन बदलने से हो सकता है जो गर्दन को मोच या तनाव बढ़ा सकता है। जानकारी के लिए बता दें , मांसपेशियों पर तनाव और खिंचाव के कारण विभिन्न प्रकार के दर्द उत्तपन हो सकते हैं जैसे तनाव सिरदर्द, बाहों की कमजोरी, गर्दन और कंधों में दर्द होना। रिसर्च के अनुसार , गलत तरीके से सोने के कारण गर्दन और कंधे के दर्द के इलाज के लिए योग सबसे अच्छा उपाय है। योग किसी भी तरह के शारीरक तनाव को रोकता है।
बता दें , मूल रूप से 2 स्लीपिंग पोजीशन हैं जो कंधों और गर्दन के लिए सबसे अच्छी होती है। जानकारी के मुताबिक , पीठ पर या बगल में सिर को कुशन करने के लिए एक फ्लैट तकिया का उपयोग करना और पीठ के बल लेटने के दौरान गर्दन को घुमाने के लिए एक नेक रोल का उपयोग करना सबसे अच्छा होता है। रिसर्च के अनुसार , सख्त या ऊंचे तकिए से बचना सबसे बेहतर होता है क्योंकि यह नींद के दौरान गर्दन को लचीला रखने में मदद करता है।
योग है मददगार
जानकारी के लिए बता दें , चाहे कोई गलत तरीके से सोने से या डेस्क पर लंबे समय तक बैठे रहने से गर्दन और कंधे के दर्द से छुटकारा पाना चाहता है तो यहां कुछ योग मुद्राएं हैं जिनका रोजाना अभ्यास करने से आपको राहत मिल सकती है।
● सीधी अवस्था में खड़े हो जाए
● बाहों को ऊपर उठा ले
● सांस छोड़ते हुए आगे झुकें, पेट को अंदर की ओर खींचे
● हाथ को फर्श पर रखें और सिर को थोड़ी देर लटकने दें.
● गर्दन को कुछ देर रिलैक्स रखें.
● कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें और धीरे से गर्दन ऊपर लाए
बता दें , यह गर्दन, रीढ़ और पीठ के तनाव को दूर करने में मदद करता है और रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत भी बनता है।
● पेट के बल लेट जाएं और पैर की उंगलियां फर्श पर सपाट रहें , माथा चटाई पर टिका रहे।
● हथेलियों को नीचे की ओर रखते हुए हाथ को सामने की ओर लाए।
● श्वास भरते हुए धीरे-धीरे सिर, छाती और पेट को ऊपर उठा ले ।
● धड़ को पीछे की ओर खींचे और भुजाओं के सहारे चटाई से नीचे उतार दे ।
● पैरों को एक साथ रखें और धीरे-धीरे से सांस ले।
● कुछ देर रुकें और फिर छोड़ दे ।
बता दें , यह छाती और कंधों को फैलाता है। यह रीढ़ और गर्दन को भी मजबूत करता है।