नई दिल्ली: हृदय के आकार में वृद्धि को कार्डियोमेगाली कहा जाता है। दिल के बढ़ने के कुछ लक्षण शरीर पर दिखाई देते हैं जैसे सांस लेने में दिक्कत, घुटनों में सूजन, चक्कर आना, सीने में तेज दर्द आदि। जब दिल का आकार बढ़ जाता है तो दिल को रक्त पंप करने में काफी दिक्कत होती […]
नई दिल्ली: हृदय के आकार में वृद्धि को कार्डियोमेगाली कहा जाता है। दिल के बढ़ने के कुछ लक्षण शरीर पर दिखाई देते हैं जैसे सांस लेने में दिक्कत, घुटनों में सूजन, चक्कर आना, सीने में तेज दर्द आदि। जब दिल का आकार बढ़ जाता है तो दिल को रक्त पंप करने में काफी दिक्कत होती है। इससे हृदय संबंधी समस्याएं या स्ट्रोक का खतरा काफी बढ़ जाता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आमतौर पर दिल का आकार मुट्ठी के बराबर होता है लेकिन दिल का औसत वजन लगभग 10 औंस होता है। यह छाती के मध्य में थोड़ा बायीं ओर है। हृदय शरीर के सभी भागों में रक्त संचार के लिए जिम्मेदार होता है। इससे तनाव, संक्रमण और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। गर्भावस्था के दौरान व्यायाम करने से या हृदय रोग के कारण हृदय का आकार बढ़ सकता है।
बढ़ती उम्र के साथ दिल का आकार थोड़ा बढ़ सकता है। विशेषकर बायीं ओर के निलय। दिल की दीवार मोटी हो सकती है. जिसके कारण हृदय को रक्त से भरना मुश्किल हो सकता है।
अत्यधिक व्यायाम के कारण हृदय का आकार और आकार बदल सकता है। इसे एथलेटिक हृदय कहा जाता है और कुछ लोगों में हृदय संबंधी कुछ समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
इसे कार्डियोमेगाली के नाम से भी जाना जाता है। बढ़ा हुआ दिल किसी अंतर्निहित समस्या का लक्षण हो सकता है। इसमें हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, थायराइड रोग या गर्भावस्था शामिल हो सकते हैं।
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