नई दिल्ली: हंटिंगटन रोग एक गंभीर जननांतरिक रोग है, यह न्यूरोन्स को प्रभावित करता है। इसको अक्सर HD भी कहा जाता है। दरअसल, यह एक ब्रेन की बीमारी है जो धीरे-धीरे मानसिक और शारीरिक समस्याओं को पैदा करता है। इसकी पहचान उम्र के 30 और 40 के बीच होती है। बता दें कि इसके प्रारंभिक […]
नई दिल्ली: हंटिंगटन रोग एक गंभीर जननांतरिक रोग है, यह न्यूरोन्स को प्रभावित करता है। इसको अक्सर HD भी कहा जाता है। दरअसल, यह एक ब्रेन की बीमारी है जो धीरे-धीरे मानसिक और शारीरिक समस्याओं को पैदा करता है। इसकी पहचान उम्र के 30 और 40 के बीच होती है। बता दें कि इसके प्रारंभिक लक्षण(Huntington Disease) कभी-कभी उम्र के लोगों में भी देखे जा सकते हैं।
इसके लक्षणों में चंचल और अस्थायी चलन, अनियमित चाल, धीमी गति में धीमी हो जाना, बोलने य गलती करने में कठिनाई, मानसिक व स्वर संबंधी परेशानियां शामिल हो सकती हैं। इसका विशेष इलाज अभी तक नहीं मिला है, लेकिन इसके लक्षणों को प्रबंधित करने के उपाय और समर्थन प्रदान किए जा सकते हैं। एक आंकड़े के अनुसार, हंटिंगटन 1लाख में से 1 या 10 लोगों को प्रभावित करती है। इसके साथ ही यह स्त्री और पुरुष दोनों को समान(Huntington Disease) रूप से भी प्रभावित करती है।
हंटिंगटन रोग का विशेष कारण एक गलत जीन है, जिसको HTT जीन कहते हैं। दरअसल, यह मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण रूप से बहुत अहम भूमिका निभाता है। बता दे कि हंटिंगटन रोग में, HTT जीन में एक विशेष क्षेत्र का पुनरावर्ती पुनर्क्रमण होता है, इसके परिणाम का कारण एचडीपी-4 नामक एक प्रोटीन के अतिरिक्त संख्या के बढ़ने में होती है। जानकारी दे दें कि यह प्रोटीन न्यूरोन्स में अधिक मात्रा में बनता है और उनकी स्वस्थ फंक्शनिंग को प्रभावित करता है। यह रोग जेनेटिक रूप से संबंधित है और प्रारंभिक चरण में किसी व्यक्ति(Huntington Disease) के पास इस रोग का प्रकोप करने के लिए HTT जीन को वारिस प्राप्त होता है।
चंचल और अस्थायी चलन
जानकारी दे दें कि इस रोग के प्रारंभिक चरण में इंसान के चलन में अस्थिरता व अनियंत्रितता हो सकती है।
इसके अलावा व्यक्ति की चाल में असमर्थता और अनियमितता आ सकती है।
इस रोग के बढ़ने के साथ ही इंसान की गति का धीमा हो जाना, यह एक आम लक्षण होता है।
बता दें कि व्यक्ति को बोलते समय य फिर किसी भी तरह की गतिविधियों को करते समय संवारने में मुश्किल हो सकती है।
भविष्यवाणियों, डिप्रेशन, चिंताओं और अन्य मानसिक समस्याएं सम्भव हैं।
इस दौरान किसी भी व्यक्ति की आदतों में बदलाव, समझने में कठिनाई व अनियमितता हो सकती है।
जानकारी दे दें कि व्यक्ति की भावनाओं और व्यवहार में अनियमितता व अद्यावधिकता हो सकती है।
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