लाइफस्टाइल

स्ट्रेस, एंग्जायटी और मूड स्विंग्स में क्या अंतर हैं, लोग क्यों हो जाते हैं कंफ्यूज

दिल्ली : शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ अब मानसिक स्वास्थ्य को भी धीरे-धीरे बढ़ावा दिया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 7.5% भारतीय मानसिक विकारों से पीड़ित हैं, यह आंकड़ा 2020 में महामारी के बाद से और बढ़ गया है। 38 मिलियन भारतीय एंग्जायटी डिसऑर्डर के शिकार हैं, और वैश्विक स्तर पर भारत में 36.6% आत्महत्याएं होती हैं। ऐसी चिंताजनक स्थिति के बावजूद, मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा अक्सर नहीं की जाती है और मानसिक मुद्दों के बारे में जागरूकता भी काफी कम है। आमतौर पर हम स्ट्रेस, एंग्जायटी और मूड स्विंग्स पर लोग अंतर नहीं कर पाते हैं।

 

स्ट्रेस

स्ट्रेस को आप जीवन की चुनौतियों और अनुभवों की प्रतिक्रिया के रूप में समझा सकते है। प्रतिकूल परिस्थितियां या नई चुनौतियां तनाव का कारण बन सकती है। युवाओं में तनाव होने की संभावना ज्यादा होती है, वे अपने जीवन में आये बदलाव से जूझ रहे होते हैं और नई चुनौतियों का सामना कर रहे होते हैं। किशोरावस्था में स्ट्रेस के कई कारण हो सकते हैं जैसे निजी जीवन से जुड़े मुद्दे, पढाई का दबाव और पियर प्रेशर। हमे तनाव के कई शारीरिक लक्षणों पर भी ध्यान देना चाहिए जैसे नींद की कमी, अपच, भूख न लगना या चिड़चिड़ापन आदि।

 

एंग्जायटी

एंग्जायटी या चिंता अपरिचित स्थितियों के प्रति हमारी भावनात्मक प्रतिक्रिया होती है। एंग्जायटी की वजह से घबराहट, आशंका, आत्मविश्वास की कमी और निराशावाद जैसी भावनाएं उत्पन्न होती है । कई कारण हैं जो युवाओं को चिंतित कर सकते हैं जैसे बढ़ते शैक्षणिक दबावों का सामना करना, बदलती प्राथमिकताएं, और समाज के मानकोंके अनुसार “फिट इन” होने की कोशिश करना । स्ट्रेस और एंग्जायटी के लक्षण एक जैसे हो सकते हैं जैसे कि पाचन या नींद की समस्या, चिड़चिड़ापन, थकान महसूस होना, एकाग्रता में कठिनाई, भय की भावना इत्यादि।

 

मूड स्विंग्स

मूड स्विंग्स का मतलब है आपकी मनोदशा में अचानक या तेजी से बदलाव आना, जो बाहरी कारकों से प्रेरित हो भी सकता है और नहीं भी। कोई पुरानी याद या कोई बुरा अनुभव मूड स्विंग को ट्रिगर करता है। आमतौर पर मूड स्विंग एक अंतर्निहित चिंता का संकेत है जैसे कि बाइपोलर डिस्‍आर्डर, डिप्रेशन या मीनोपॉज। ये स्ट्रेस और एंग्जायटी जितना सामान्य नहीं होता। हालांकि कभी-कभी खुश या उदास या क्रोधित महसूस करना स्वाभाविक है, लेकिन अगर मूड स्विंग्स अधिक बार होते है, या अचानक से होते या फिर बहुत एक्सट्रीम हो जाते है तो मामला गंभीर हो सकता है।

 

दिल्ली मेट्रो: ब्लू लाइन सेवाएं प्रभावित, द्वारका सेक्टर 21 और नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी/वैशाली के बीच सर्विस में देरी

Ayushi Dhyani

Recent Posts

समय से पहले धनवान बना देंगे बुधवार को किए जाने वाले ये अचूक उपाय, कभी नहीं होगी पैसों की कमी

नई दिल्ली: धन की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए बुधवार का दिन विशेष…

16 minutes ago

राफेल नडाल ने टेनिस को कहा Goodbye, 22 ग्रैंड स्लैम किए अपने नाम

नई दिल्ली: राफेल नडाल ने टेनिस को कहा अलविदा. स्पेनिश टेनिस स्टार ने अपने करियर…

19 minutes ago

महाराष्ट्र में 9 बजे तक महज 6.61% वोटिंग, झारखंड में अब तक 12.71% मतदान

सुबह 9 बजे तक महाराष्ट्र में 6.61% मतदान हुआ है जबकि झारखंड में 12.71% वोटिंग…

23 minutes ago

दिल्ली की जहरीली हवा में नहीं निकलेंगे सरकारी कर्मचारी, सरकार ने दिया वर्क फ्राम होम का निर्देश

प्रदूषण के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा बेहद खतरनाक हो गई है। इस बीच…

33 minutes ago

VIDEO: खतरनाक कोबरा को बच्चे की तरह नहला रही महिला, 2 सांप कर रहे अपनी बारी का इंतजार, देखें वीडियो

नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक ऐसा वीडियो तेजी से वायरल हो रहा…

45 minutes ago