September 8, 2024
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सोने के उपहारों पर कितना टैक्स चुकाना होगा!

  • WRITTEN BY: Hasin Ahmed
  • LAST UPDATED : December 15, 2022, 12:23 pm IST

सोने के उपहारों पर कितना टैक्स चुकाना होगा!

नई दिल्ली : हिंदुस्तान में शादियों में जिस चीज़ को सबसे ज़्यादा तरजीह दी जाती है वो है सोना। शादी की सभी ख़रीदारियां एक तरफ और सोने के ज़ेवरों की ख़रीद एक तरफ। हमारा देश सोने की ख़रीद के मामले में दुनिया में बड़ा मुकाम रखता है। लोगों के बीच सोने को ख़रीदने की चाहत समय के साथ बढ़ती ही चली जा रही है। कोई भी ख़ास मौका हो जैसे की शादी, सालगिरह या फिर जन्मदिन के मौके, सोने के उपहार देने लेने का रिवाज आम है।

 

क्या तोहफ़े में दिए गए सोने के ज़ेवर टैक्सफ्री होते हैं?

 

अगर आपके परिवार के लोग आपको शादी-ब्याह के मौके पर तोहफ़े देते हैं तो इसपर आपको किसी भी प्रकार का कर नहीं चुकाना पड़ेगा, सके साथ-साथ अगर आपको आपके ही परिवार के बुज़ुर्ग सोने के उपहार विरासत के तौर पर देते हैं तो उनपर भी किसी तरह का कोई कर नहीं चुकाना पड़ेगा। ऐसे मौकों पर सोना कितनी भी मात्रा में दिया या लिया जा सकता है, लेकिन अगर आप इन ज़ेवरों यानि सोने के आभूषणों को बाज़ार में बेचने जाते हैं तो मिलने वाली राशि पर आपको टैक्स देना पड़ेगा।

 

क्या कहा जाता है सोने के ज़ेवरों पर दिए दाने वाले कर को?

 

अगर आपके पूर्वजों ने विरासत के तौर पर आपको ज़ेवर दिए और आपने उन्हें बाज़ार में बेचा तो उसे लॉन्ग टर्म कपिटल गेन कर के तहत माना जाता है और आपको कर देना होता है। इसमें ग़ौर करने वाली बात यह है कि आपकी माँ या आपके नाना आपको जो तोहफ़े देते हैं उसपर टैक्स उसी दाम के हिसाब से लगाया जाएगा जिस राशि में उन्होंने वो ज़ेवर उस समय बाज़ार मे ख़रीदे होंगे।

 

कितनी देनदारी बनती है लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कर के तहत?

 

इस कर में आपका होल्डिंग समय ही मानक होता है। अगर आपके पास ये सोना 36 महीनों से ज़्यादा समय तक रहा है तो इसपर 20% टैक्स चुकाना होगा और अगर सोना 36 महीनों से कम का रहा है तो यहां शार्ट टर्म टैक्स देय होगा।

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