नई दिल्ली: मानसून अपने साथ बीमारियां भी लेकर आता है। इस मौसम में सबसे ज्यादा खतरा डेंगू का रहता है। डेंगू एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है जो मच्छरों से होती है। कैसे होता है डेंगू डेंगू मादा मच्छरों से फैलने वाला संक्रमण है। जो बरसात में सबसे ज्यादा सक्रिय होता है. इसका मच्छर पानी […]
नई दिल्ली: मानसून अपने साथ बीमारियां भी लेकर आता है। इस मौसम में सबसे ज्यादा खतरा डेंगू का रहता है। डेंगू एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है जो मच्छरों से होती है।
डेंगू मादा मच्छरों से फैलने वाला संक्रमण है। जो बरसात में सबसे ज्यादा सक्रिय होता है. इसका मच्छर पानी में पनपता है. बारिश के बाद अक्सर जलभराव हो जाता है जहां मादा मच्छर अंडे देते हैं। हालांकि, डेंगू का मच्छर घर के आस-पास रखें साफ पानी में भी पनप सकता है। ग्लोबल स्तर पर हर साल इसके लगभग 400 मिलियन से अधिक मामले देखने को मिलते हैं।
डेंगू के मच्छर का नाम एडिज एजिप्टी है, इसके चार पैरों पर एक सफेद बैंड सा बना होता है जो बिल्कुल किसी तराजू की तरह दिखते है। इनका रंग गहरा होता है। ये मच्छर शहरों और घरों में ज्यादा पाए जाते हैं।
कितने लोग होते हैं प्रभावित
डेंगू की बीमारी से पूरी दुनिया परेशान है। धरती के लगभग हर देश में इसके मरीज हर साल पाए जाते हैं। हर वर्ष लगभग 100 से 400 मिलियन लोग डेंगू से जूझते हैं। डेंगू संक्रमित मच्छरों के काटने से होता है .यह बीमारी छोटे बच्चे और वयस्कों में तेजी से फैलता है।
भारत में डेंगू का क्या हाल है
देश में डेंगू के हर साल मामले बढ़ते जा रहे हैं, इस साल कर्नाटक में इसके मामले में तेजी देखी गई थी। साल 2024 में अबतक इसके 4,827 मामले सामने आए है जिनमें तकरीबन 2000 से अधिक मामले सिर्फ बेंगलुरु के हैं।
कब काटता है इसका मच्छर
इस प्रजाति के मच्छर दिन के समय में काटते हैं, अधिकतर मामलों में सूर्योदय के बाद 2 घंटे और सूर्यास्त के समय शाम के वक्त ये मच्छर ज्यादा एक्टिव होते हैं। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार डेंगू के मच्छर सीधा इंसान के शरीर की हड्डियों पर काटते हैं।
डेंगू होने पर मरीज को सबसे पहले बुखार, उल्टी-दस्त, कमजोरी और ठंड महसूस होती है. इसका बुखार 40 डिग्री सेल्सियस से 104 डिग्री तक जा सकता है। इसमें आंखों के पीछे दर्द भी महसूस होता है। डेंगू के बुखार से शरीर में तेजी से
कौन सा टेस्ट करवाएं
अगर लक्षण महसूस हो रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और एनएस 1 एंटीजन (NS1),आईजीजी(IgG) और आईजीएम(IgM) के साथ सीबीसी (CBC) का टेस्ट जरूर करवाएं।