नई दिल्ली: बरसात के मौसम में हर प्रकार के इंफेक्शन का खतरा तेज रहता है, इनमें महिलाओं का वेजाइनल इंफेक्शन भी शामिल है। इससे छुटकारा पाने के लिए फॉलो करें ये टिप्स। मानसून में महिलाओं के साथ वेजाइनल यीस्ट इन्फेक्शन होने की संभावना तेज हो जाती है, इस समस्या में औरते कई दिक्कतों का सामना […]
नई दिल्ली: बरसात के मौसम में हर प्रकार के इंफेक्शन का खतरा तेज रहता है, इनमें महिलाओं का वेजाइनल इंफेक्शन भी शामिल है। इससे छुटकारा पाने के लिए फॉलो करें ये टिप्स।
मानसून में महिलाओं के साथ वेजाइनल यीस्ट इन्फेक्शन होने की संभावना तेज हो जाती है, इस समस्या में औरते कई दिक्कतों का सामना करती है। यीस्ट इंफेक्शन एक किस्म का फंगल इंफेक्शन है जो बैक्टीरिया से होता है। वेजाइनल यीस्ट इंफेक्शन में महिलाओं को अपने प्राइवेट एरिया में खुजली, जलन और कई बार रैशेज होने की समस्या होती है।
ये इंफेक्शन मुख्यत वेजाइना के पीएच लेवल के बिगड़ने से होता है। पीएच लेवल का माप साफ-सफाई ना रखने से डिसबैलेंस होता है। जैसे गीले या गंदे कपड़े पहनना, वेजाइनल एरिया में पसीना होना और उसे हवा न लगने देना। जो लड़कियां अपने अंडरगारमेंट्स नहीं बदलती या बिना सही से साफ किए पहनती है तो उनके साथ भी ये समस्या हो सकती है। वेजाइनल एरिया में ज्यादा केमिकल और खुशबूदार चीजों का इस्तेमाल करने से भी ऐसा होता है। शरीर में पानी की कमी से भी यीस्ट इंफेक्शन हो सकता है। इसके अलावा यदि कोई महिला किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ संपर्क में आती है तो भी ये इंफेक्शन हो सकता है।
-खुजली
-वेजाइनल एरिया में सूजन
-वेजाइना और उसके आसपास लालिमा दिखना
-व्हाइट डिस्चार्ज- कुछ महिलाओं में इंफेक्शन होने पर डिस्चार्ज का रंग बदल जाता है, ये भूरा, गहरा सफेद, पीला या फिर कई बार हरे रंग का भी हो सकता है।
-इंफेक्शन ज्यादा होने पर वेजाइनल एरिया में छाले और फोड़े भी हो जाते हैं
1.यीस्ट इंफेक्शन में नारियल तेल के साथ कपूर मिलाकर लगाने से राहत मिलेगी, ये इंफेक्शन को भी कम करेगा साथ ही जलन और खुजली में ठंडक भी पहुंचाएगा।
2.एप्पल साइडर विनेगर- आप 1 चम्मच एप्पल साइडर विनेगर को पानी में मिलाकर पी सकते हैं। इसके अलावा इस विनेगर को पानी में मिलाकर इंफेक्टेड एरिया को वॉश भी किया जा सकता है
3.टी ट्री ऑयल- वेजाइनल इंफेक्शन में टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल भी किया जा सकता है, इससे इंफेक्शन कम होगा और खुजली भी कम होगी। इस तेल की बूंदों को कॉटन की मदद से वेजाइना पर लगाएं
4.दही में ऐसे बैक्टीरिया होते है जो वेजाइनल एरिया में हो रहे इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है साथ ही ये वेजाइना का पीएच लेवल भी मेंटेन रखता है।
5.नीम के पत्ते, ये पत्ते एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज से भरपूर होता है। इन पत्तों को पानी में उबालकर नहाने के पानी में मिलाकर नहा सकते हैं या फिर इसका पेस्ट बनाकर उस एरिया पर दिन में 2-3 बार लगा सकते हैं
6.यदि आपको ज्यादा समस्या जैसे दर्द और मल-मूत्र में परेशानी महसूस हो रही है तो तुरंत किसी गाइनेकोलॉजिस्ट से मिलें। वो आपको एंटीबायोटिक्स और अन्य दवाएं देंगे। ध्यान रहें, वेजाइनल इंफेक्शन में लिखी गई दवाओं का कोर्स पूरा करना जरूरी होता है। ये कोर्स 10 दिन से लेकर 3 महीने तक का भी हो सकता है।
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