नई दिल्ली: आजकल युवाओं में हृदय रोग और हार्ट अटैक की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। यह समस्या पहले बुजुर्गों में ज्यादा देखने को मिलती थी, लेकिन अब 30 से 40 वर्ष की उम्र के लोग भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। युवाओं में बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों के पीछे कई कारण हो […]
नई दिल्ली: आजकल युवाओं में हृदय रोग और हार्ट अटैक की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। यह समस्या पहले बुजुर्गों में ज्यादा देखने को मिलती थी, लेकिन अब 30 से 40 वर्ष की उम्र के लोग भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। युवाओं में बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों के पीछे कई कारण हो सकते हैं। आइए जानते हैं कौन से कारण इसके लिए जिम्मेदार है।
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में शारीरिक गतिविधियों की कमी बढ़ गई है। ऑफिस में लंबे समय तक बैठना, कम चलना-फिरना, और व्यायाम न करना युवाओं में आम हो गया है। यह जीवनशैली दिल की बीमारियों का बड़ा कारण बनती जा रही है। शारीरिक गतिविधियों की कमी से वजन बढ़ने और ब्लड प्रेशर, शुगर जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है, जिससे हार्ट अटैक का जोखिम भी बढ़ता है।
तेजी से बदलते कामकाजी माहौल और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन बनाए रखने में असफलता के कारण युवा आजकल अधिक तनाव में रहते हैं। तनाव हार्मोन जैसे कोर्टिसोल और एड्रेनालिन दिल की सेहत को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं। यह तनाव लंबे समय तक बना रहने से दिल की धमनियों पर दबाव बढ़ता है, जो हार्ट अटैक की संभावना को बढ़ाता है।
फास्ट फूड, जंक फूड, और तैलीय भोजन का सेवन युवाओं में आम हो गया है। इस तरह के खाद्य पदार्थों में ट्रांस फैट, नमक और शुगर की अधिकता होती है, जो कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने और दिल की धमनियों में रुकावट पैदा करने का काम करती है। नियमित रूप से अस्वास्थ्यकर आहार लेने से हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
युवाओं में धूम्रपान और शराब के सेवन का चलन भी बढ़ रहा है। धूम्रपान से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ती हैं और रक्त का प्रवाह बाधित होता है, जिससे हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। वहीं, शराब का अधिक सेवन भी हृदय की धड़कनों पर बुरा असर डालता है, जिससे हृदयाघात का जोखिम बढ़ता है।
पर्याप्त और अच्छी नींद का अभाव भी हृदय रोगों का कारण बन सकता है। आज के दौर में युवा देर रात तक जागते हैं और पूरी नींद नहीं ले पाते। नींद की कमी से शरीर का रक्तचाप बढ़ जाता है, जिससे दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
युवाओं में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों को देखते हुए जागरूकता जरूरी है। नियमित व्यायाम करें, संतुलित और स्वस्थ आहार लें, तनाव से बचने की कोशिश करें, धूम्रपान और शराब से दूर रहें, और पर्याप्त नींद लें। साथ ही नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाएं ताकि हृदय संबंधी किसी भी समस्या का समय पर पता चल सके और उचित इलाज हो सके।
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