Heart: आजकल महिलाओं में Heart डिजीज का खतरा काफी बढ़ रहा है. ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकी पुरुष एवं महिला बायोलॉजिकल रूप से अलग होते हैं. शायद यही वजह है कि महिलाओं में हार्ट स्ट्रोक के जो लक्षण नजर आते हैं वो पुरुषों से काफी अलग होते हैं। ➨ फिट महिलाओं को भी होता […]
Heart: आजकल महिलाओं में Heart डिजीज का खतरा काफी बढ़ रहा है. ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकी पुरुष एवं महिला बायोलॉजिकल रूप से अलग होते हैं. शायद यही वजह है कि महिलाओं में हार्ट स्ट्रोक के जो लक्षण नजर आते हैं वो पुरुषों से काफी अलग होते हैं।
महिलाओं को होने वाले हार्ट स्ट्रोक के पीछे कार्डियोलॉजिस्ट हार्मोन को भी एक जिम्मेदार एक बड़ा कारण मानते हैं। ऐसा भी अक्सर देखा गया है कि कई बार तो हेल्दी एंड फिट दिखने वाली महिलाओं में भी Heart डिजीज पाया जाता है.
हृदय संंबंधी बीमारियों के लिए आमतौर पर महिलाओं की खराब लाइफस्टाइल और जीन यानी कि बायोलॉजिकल कारण दोनों ही जिम्मेदार हो सकते हैं। ऐसे में महिलाओं को इन लक्षणों को भूलकर भी नजरअंदाज नहीं करने चाहिए।
हार्ट डिजीज हो या फिर दूसरी हेल्थ की समस्या, हमारा शरीर बीमारी के होने की शुरुआत से ही इसके संकेत देना शुरू कर देता है। ऐसे में हमें बस वक्त रहते सिर्फ इन्हें पहचानने की जरूरत होती है. आज हम इस आर्टिकल में इन्हीं संकेतों के बारे में बताएंगे।
• लेकिन संकेत के बारे में जानने से पहले आइये जानते हैं कि कैसे होता है हार्ट स्ट्रोक? और हार्ट स्ट्रोक किस तरह से हार्ट अटैक अलग है?
दरअसल, ब्लड को Heart तक पहुँचाने का काम कोरोनरी आर्टरी करती है. ऐसे में जब कोरोनरी आर्टरीज में किसी तरह की खराबी हो जाती है, तो ब्लड को Heart तक नहीं पहुँच पता और फिर हार्ट से ब्लड को शरीर के बाकी हिस्सों में जाने में रुकावट होने लगती है.
हार्ट का काम होता है शरीर के सभी हिस्सों में ब्लड को पंप यानी फ्लो करना। अब जब यही हार्ट आपके दिमाग तक ब्लड पंप नहीं कर पाता तो इसे हार्ट स्ट्रोक कहते हैं.
जबकि हार्ट अटैक जब होता है जब आपका ब्लड फ्लो हार्ट तक ठीक से नहीं पहुँच पाता और दिल काम करना बंद कर देता है.
कोरोनरी आर्टरीज में गड़बड़ी के चलते ही हार्ट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. कई सारी महिलाओं में इनके संकेत पहले से ही मिलने शुरू हो जाते हैं. लेकिन ये लक्षण दिखने में कई बार काफी सामान्य लगते हैं जिसके चलते कई सारी महिलाएं इन्हें नजरंदाज कर जाती हैं। ऐसे में आप इस बात पर ध्यान दें.
जब आपका दिल यानी कि हार्ट में ठीक तरीके से ब्लड नहीं पहुँच पाता तो आपके हाथ व पैर में सुन्नता होने लगती है। ऐसा कमजोरी के चलते होने लगता है. इसके साथ ही आपको कॉर्डिनेशन में दिक्कत आना जैसी परेशानियां भी होने लगती है. कई बार ये परेशानियां शरीर के एक तरफ महसूस होती है.
इसके अलावा आपको उल्टी और चक्कर भी आ सकते हैं। ऐसे में आपको लगेगा कि शायद ये सभी लक्षण फ़ूड प्वायजनिंग के चलते आप महसूस कर रही हैं. लेकिन आपको यहां पर आपको सावधान होने की ज़रूरत है. अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो आप डॉक्टर की सलाह लेने में देरी न करें।
कई बार ऐसा होता है कि आप जो बोलने की कोशिश करती हैं, वो ठीक से बोल नहीं पाती हैं। आपके बोले हुए शब्द चाहकर भी धीरे निकलते हैं. इतना ही नहीं कभी-कभी आप खुद को बोलने में भी असमर्थ पाती हैं। आपको बता दें कि ये संकेत हार्ट स्ट्रोक के हो सकते हैं. अपनी सेहत के लिए इन्हें गंभीरता से लें.
हार्ट स्ट्रोक से पहले हार्ट ठीक तरीके से काम कर देना बंद कर देता है. इसी के चलते हार्ट रेट पर इसका प्रभाव पड़ता है. हार्ट बीट नॉर्मल ना रहकर कभी तेज़ या फिर कभी धीमी रहने लगती है. इतना नहीं कई बार आपको चेस्ट में परेशानी, तनाव और पेट दर्द जैसे संकेत भी मिलते हैं.
स्टडी के मुताबिक, माइग्रेन एक ऐसी परेशानी है जो हार्ट स्ट्रोक होने के खतरे को 50 फ़ीसदी तक बढ़ा देती हैं. कभी-कभी आपको अचानक तेज़ सिरदर्द होने लगता है. कई बार ये लक्ष्ण नशा करने के चलते भी हो सकते हैं लेकिन अगर आप शराब नहीं पीती फिर भी आपको ऐसा महसूस होता है तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए।
यंहा पर बताई गई किसी भी स्थिति के महसूस होने पर जरूरी है कि आप अपने डॉक्टर की सलाह लें. थोड़ी सी भी लापरवाही आपके लिए जोखिम बन सकती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और आम जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें. इनख़बर इसकी पुष्टि नहीं करता है.)