नई दिल्ली. हर साल जन्माष्टमी के बाद हरतालिका तीज का त्यौहार मनाया जाता है. हरतालिका तीज व्रत इस बार 1 सितंबर को मनाया जाएगा. मान्यता है कि
इस दिन व्रत रखने से सौभाग्यशाली महिलाओं को अखंड़ सौभाग्य होने का वरदान मिलता है. इस व्रत को सुहागन महिलाएं नए लाल वस्त्र पहनकर, महेंदी
लगाकर, सोल श्रंगार करती हैं. इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करती हैं. कई इलाकों में हरतालिका तीज पर सास अपनी बहुओं को नए कपड़े व
जेवर भी तोहफे में देती हैं.
हरतालिका तीज का वत हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथी को किया जाता है. हरतालिका तीज का व्रत काफी ज्यादा कठिन माना जाता है. इस दिन महिलाएं करीब 24 घंटे या उससे ज्यादा समय तक (शुभ मुहूर्त के अनुसार) निर्जला व्रत रहकर पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. महिलाएं इस व्रत में न जल ग्रहण करती रहती हैं और ना ही अन्न. हिंदू शास्त्रों में कहा जाता है कि सबसे पहले मां पार्वती ने हरतालिका तीज का व्रत रखा था जिसके फलस्वरूप में उन्हें भोलेनाथ भगवान पति के रूप में प्राप्त हुए थे.
महिलाएं इस त्यौहार का बड़े ही बेसब्री से इंतजार करती हैं. इस दिन मेहंदी लगाने का भी रिवाज होता है. महेंदी हमारी संस्कृती का अहम हिस्सा माना जाता है. हर त्यौहार या शुभ कार्पय पर महेंदी लगाना शुभ माना जाता है. अलग-अलग प्रकार के मेहंदी के डिजाइन हाथों में लगा कर महिलाएं बेहद ही खूबसूरत लगती हैं. ऐसे में हम आपको महेंदी के अलग अलग डिजाइन बताने जा रहे हैं. जिन्हें आप लगा कर आप लगाकर अपने हाथों की खूबसूरती बड़ा सकते हैं.
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