नई दिल्ली. करवा चौथ एक हिंदू त्योहार है जो विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं, इसमें भोजन या पानी का सेवन नहीं करती हैं. यह व्रत पति की लंबी आयु के लिए रखा जाता है और यह ज्यादातर भारत के उत्तरी राज्यों में मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं नए कपड़े पहनती हैं और हाथों पर मेहंदी लगाती हैं. वे अन्य महिलाओं के साथ, गीत गाती हैं और त्योहार वाले दिन महिलाएं आपस में बैठकर कथाएं सुनाती हैं.
करवा चौथ पर, विवाहित महिलाएं भगवान गणेश सहित भगवान शिव और उनके परिवार की पूजा करती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देने और दर्शन करने के बाद ही कठोर उपवास तोड़ती हैं. इस अवसर पर हम आपके लिए लेकर आए हैं विशेष शायरी.
करवाचौथ का व्रत सुबह 4 बजे के आसपास सूर्योदय से पहले शुरू होता है. महिला सूर्योदय से पहले सरगी खाती है जो उसे उसके ससुराल वालों द्वारा दी जाती है. इस दिन लोग करवाचौथ की कहानी सुनते हैं और भगवान शिव, उनकी पत्नी पार्वती और भगवान गणेश की पूजा करते हैं. यह त्यौहार भारत के उत्तरी राज्यों में मनाया जाता है जिसमें उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और गुजरात शामिल हैं.
कभी-कभी अविवाहित हिंदू महिलाएं भी अपने मंगेतर या इच्छित पतियों के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं. इस साल, करवा चौथ 17 अक्टूबर, 2019 गुरुवार को मनाया जाएगा. करवा चौथ पूजा का समय चन्द्रोदय के समय पर निर्भर करता है. इसलिए, विभिन्न शहरों में, करवा चौथ पूजा का समय अलग-अलग हो सकता है.
Karva Chauth 2019: करवा चौथ पर पहली बार व्रत रखने वाली महिलाएं भूल कर भी ना करें ये 8 काम
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