नई दिल्ली. 22 जनवरी को बसंत पंचमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा है. ऐसा माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन बसंत ऋतु का आगमन होता है. और खेतों में सरसों के लहलहा उठते हैं. बंसत पंचमी पर ऋतुराज बसंत का बड़ा महत्व है. बसंत पंचमी के बाद से ही पेड़ो पर नए फूल आने शुरू हो जाते हैं. बसंत पंचमी पर प्रकृति पर नया बदलाव आ जाता है मौसम पहले से सुहाना हो जाता है. बसंत ऋतु सेहत की दृष्टि से भी बहुत अच्छी मानी जाती है. बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था इसलिए उत्तर भारत में बसंत पंचमी का अलग ही महत्व होता हैं. इस मां सरस्वती की पूजा की जाती हैं. साथ ही नदियों में स्नान का विशेष महत्व है.
बसंत पंचमी के दिन उत्तर भारत विशेषकर पश्चिम बंगाल और बिहार में इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है. इस दिन पूजा का विशेष महत्व होता है. बिहार और पश्चिम बंगाल में इस दिन छोटे बच्चों को पहली बार अक्षर का ज्ञान दिया जाता है साथ ही इस किताबें भेंट की जाती है. मां सरस्वती की पूजा के साथ किताबों को वाद्य यंत्र की पूजा की जाती है क्योंकि ऐसा कहा जाता है वाद्य यंत्र और किताबों में मां सरस्वती का वास होता हैं. इस दिन पीले कपड़े पहने जाते है साथ ही मां सरस्वती को पीले कपड़े और पीले फूल अर्पित किए जाते हैं.
ये भी पढ़े
गुप्त नवरात्रि 2018: 10 महाविद्या और गुप्त नवरात्रि के महत्व को जानकर करें माघ नवरात्रि पूजा
Basant Panchami 2018: बसंत पंचमी पूजा शुभ मुहूर्त, मां सरस्वती पूजा से पहले याद रखें ये बात
फेसबुक पर एक शख्स ने अजीबो-गरीब काम किया है. दरअसल युवक ने गले में फंदा…
उज्जैन के महाकाल थाना क्षेत्र स्थित योग माया आश्रम में 22 लाख रुपये की चोरी…
केंद्र सरकार के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडे ने अदालत को बताया कि गृह मंत्रालय…
चंडीगढ़ के सेक्टर 26 में स्थित रैपर बादशाह के नाइट क्लब सेविले बार और लाउंज…
उद्धव ठाकरे और शरद पवार की पार्टी ने अब बीएमसी चुनाव की तैयारी शुरू कर…
खबर है कि शिंदे गुट एक शर्त पर मुख्यमंत्री पद छोड़ने को तैयार है. वह…