प्रोटीन पाउडर के नाम पर जिम जाने वालों से धोखा, FSSAI के नये नियम से खुलेगी पोल

Gym Protein Powder: सोशल मीडिया के जमाने में जिम जाने वाले प्रोटीन पाउडर का खूब सेवन करते हैं। लेकिन अब इन्हें सावधान होने की जरूरत है। सरकार बिना सही मेडिकल सर्टिफिकेशन और भ्रामक लेबलिंग वाले प्रोटीन सप्लीमेंट्स, पाउडर और शेक की बिक्री पर सख्त नियम बनाने जा रही है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) जल्द ही इन प्रोटीन सप्लीमेंट्स पर सख्त नियम लागू करने जा रहा है।

स्टडी में हुआ खुलासा

FSSAI की एक स्टडी में पाया गया कि दर्जनों प्रोटीन पाउडर और सप्लीमेंट्स स्टोर, जिम और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर झूठे और भ्रामक दावों के साथ बेचे जा रहे थे। एक अधिकारी ने बताया कि बाजार में कई प्रोटीन उत्पाद हैं जो फायदेमंद से ज्यादा हानिकारक हैं। इस कदम का उद्देश्य सख्त मानदंड बनाना है ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य को कोई नुकसान न हो।

गलत लेबलिंग की समस्या

इस कार्रवाई से ऐसे कई उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लग सकता है जो नए मानदंडों को पूरा नहीं करते। मैक्स हेल्थकेयर के एंडोक्राइनोलॉजी और डायबिटीज के चेयरमैन डॉ. अंबरीश मिथल ने कहा कि प्रोटीन उत्पादों पर गलत लेबलिंग बहुत आम है और यह बहुत बड़ी चिंता का विषय है।

प्रोटीन सप्लीमेंट लें लेकिन संभलकर

अगर किसी का नियमित आहार प्रोटीन की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है, तो वह सीमित मात्रा में और चिकित्सा मार्गदर्शन के तहत प्रोटीन सप्लीमेंट ले सकता है। स्नैपडील और टाइटन कैपिटल के को-फाउंडर कुणाल बहल ने बताया कि एक प्रसिद्ध ब्रांड के प्रोटीन सप्लीमेंट से उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो गईं। शुक्र है कि इसे बंद करने पर उनकी स्वास्थ्य स्थिति ठीक हो गई।

फिटनेस के बारे में बढ़ती जागरूकता ने प्रोटीन सप्लीमेंट की मांग को बढ़ावा दिया है। हेल्थकार्ट और अमेज़न जैसे प्लेटफॉर्म्स पर हाई परफॉर्मेंस प्रोटीन पाउडर 2-3 किलो के जार के लिए 2,000 से 6,800 रुपए में बिक रहे हैं।

 

ये भी पढ़ें: ब्रेन इटिंग अमीबा: केरल में 12 साल का लड़का संक्रमित, तीसरा मामला

Tags

FSSAIFSSAI New StudyGym LoversGym Protein Powderimportant newsinkhabarProtein PowdersWrong Product
विज्ञापन